धनुष खंडन और परशुराम–राम संवाद बना आकर्षण का केंद्र
उत्तरकाशी।
श्री आदर्श रामलीला समिति मातली के सौजन्य से आयोजित ऐतिहासिक श्रीरामलीला महोत्सव में शनिवार की संध्या श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक उत्साह से सराबोर रही। 60 वर्ष से अधिक पुरानी इस रामलीला की चौथे दिन की प्रस्तुति “धनुष खण्डन” एवं “परशुराम–राम संवाद” प्रसंग पर केंद्रित रही, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रामलीला मंच पर राजा जनक की भूमिका में वनक्षेत्राधिकारी आशीष नौटियाल ने प्रभावशाली अभिनय किया, वहीं भगवान राम के रूप में दिनेश नौटियाल ने अपने भावपूर्ण संवादों और सहज अभिव्यक्ति से दर्शकों का मन मोह लिया। जब राम ने शिव धनुष तोड़ा, तो पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के जयघोष से गूंज उठा।
कार्यक्रम में व्यापार मंडल अध्यक्ष रामनरेश डंगवाल, अजय कुमाई, शक्ति सिंह चौहान, जयवीर सिंह, तथा पत्रकार ओंकार बहुगुणा और सुनील थपलियाल मुख्य व विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि रामलीला जैसे आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, मर्यादा और आदर्शों के संरक्षण का माध्यम भी हैं।
मंचन देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीण एकत्र हुए। समापन पर दर्शकों ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया और आगामी प्रसंगों के मंचन को लेकर उत्सुकता व्यक्त की।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष सुनील नौटियाल, कैलाश नौटियाल, राकेश, कांति नौटियाल, प्रवीन नौटियाल, तथा नंदकिशोर नौटियाल सहित आयोजकों ने अतिथियों का पारंपरिक ढंग से बैज व राम पट्टा अर्पित कर स्वागत किया।

