बड़कोट/सुनील थपलियाल। यात्रा शुरू होते ही घोड़े-खच्चरों में इक्वाइन इंफ्लूएंजा संक्रमण से केदारनाथ में घोड़े-खच्चर बीमार होने की सूचना के बाद उत्तरकाशी प्रशासन व पशुचिकित्सा विभाग सतर्क हो गया है। यमुनोत्री क्षेत्र में इस तरह की बीमारी रोकने के लिए सिलाई बेंड में क्वारंटाइन सेंटर बनाया हैं सम्भवनाव जाहिर की जा रही है इस क्षेत्र के केदारनाथ गये हुए खच्चर व घोड़े यमुनोत्री आ सकते है जिसे देखते हुए घोड़ा-खच्चर संचालकों से अपने पशुओं का यहां 14 दिन रखने के लिए कहा जायेगा जो नही मानेगा उनको यमुनोत्री जानकीचट्टी नही जाने दिया जायेगा।
मालूम हो कि केदारनाथ में बीते कुछ दिनों से यात्रा में शामिल घोड़े-खच्चरों पर इक्वाइन इंफ्लुएंजा के लक्षण दिखाई दिए। जिसमें कई घोड़ों की मौत हुई है जिसको देखते हुए उत्तरकाशी प्रशासन व पशुचिकित्सा विभाग एक्टिव मोड में आ गया है। पशुचिकित्सा अधिकारी एच एस बिष्ट ने बताया कि केदारनाथ में घोड़े खच्चरों में आई बीमारी को देखते हुए यमुनोत्री क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गयी है ,केदारनाथ में घोड़े खच्चर के संचालन में रोक लगने के बाद सम्भावना लगाई जा रही है कि केदारनाथ से इस क्षेत्र के घोड़े खच्चर यमुनोत्री की ओर आ सकते है जिसे देखते हुए सिलाई बेंड पर क्वारंटाइन सेंटर बनाया हैं जहां चिकित्सक लगातार सैंपलिंग एवं परीक्षण करेंगे। जिनके घोड़े खच्चर स्वस्थ पाये गये उन्हें जाने दिया जायेगा व जो अस्वस्थ मिलेंगे उनका उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रशासन, पुलिस व पशुचिकित्सा विभाग चौकना व सतर्क है।