बड़कोट/अरविन्द थपलियाल। चारधाम यात्रा व्यवस्था को लेकर उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन चाहे कितने भी दावे करे लेकिन नींद से सिस्टम तब जागता है जब यात्रा के कपाट खुलने का समय आता है।
मालूम हो कि जनपद उत्तरकाशी में दो मुख्य धाम हैं गंगोत्री और यमुनोत्री जहां यमुनोत्री धाम के हालात अधिक खस्ताहाल हैं।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का चाहे खनेडा़ हो या डाबरकोट चाहे पालीगाड़ हों या ओजरी चाहे जानकीचट्टी यह तमाम जोन काफी डेंजर जोन हैं और बिते सालों यहां मार्ग खस्ताहाल हैं लेकिन जिला प्रशासन और सरकारें चारधाम यात्रा व्यवस्था को लेकर हवाई दावे करती हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता महावीर पंवार ने बताया कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह जगह से मार्ग के हालात खराब हैं लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा और माही ने बताया कि यमुनोत्री धाम जाने वाला पैदल मार्ग जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री तक खराब हैं और भंडैली गाड़ वाला पैदल मार्ग सबसे खस्ताहाल हैं।
मामले पर महावीर पंवार ने बताया कि सरकार और जिला प्रशासन यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाओं को गंभीरता से नहीं लेती है यहांतक कि यमुनोत्री धाम का मुख्य पड़ाव पेयजल की समस्यायों से जूझ रहा है लेकिन सरकारी दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।