दम तोड़ती स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी रात्रि प्रवास का ढोल पीटता सिस्टम आखिर कब जागेगा।
नौगांव/अरविन्द थपलियाल। उत्तराखण्ड राज्य में सरकारें ऐसे तो बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और राज्य के चहुमुखी विकास का दावा करती है लेकिन जमीनी हकीकत तो इससे भी हटकर है।
मामला जनपद उत्तरकाशी का है जहां अंधे विकास की भागदौड़ हो रही है और स्वास्थ्य सुविधाएं पटरी से उतर चुकी हैं।
मालूम हो कि विकास नौगांव जिले का सबसे बड़ा विकासखंड है और गणमान्य भी यहां सबसे अधिक आंतें हैं लेकिन यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव अल्ट्रासाउंड मशीन बंद पड़ी है,ऐसे तो पहले हफ्ते में दो दिन अल्ट्रासाउंड होता था लेकिन अब यह सुविधायें भी बंद पड़ी हैं।
ऐसे नाम का उप जिला चिकित्सालय पुरोला है जो नाम मात्र का उप जिला चिकित्सालय ही रह गया है इसलिये कि यह लगातार सुविधाओं का रोना रोया जाता है।
खराब अल्ट्रासाउंड मशीन को लेकर महावीर पंवार माही के नेतृत्व में एक सिस्टमंडल उप जिलाधिकारी बड़कोट से मुलाकात करेगा और मुख्यमंत्री धामी के नाम ज्ञापन सौंपेंगे और बताया कि आखिर यमुना घाटी की ऐसी अनदेखी क्यों हो रही है और मांगे नहीं मानी गयी तो सिस्टम के खिलाफ आंदोलन होगा।
खराब अल्ट्रासाउंड मशीन को लेकर सबसे अधिक असुविधा गर्भवती महिलाओं को हो रही है क्योंकि यह अस्पताल तो पहले ही रेफर सेटंर बने हुये हैं और अब यहां मशीने ही खराब हैं?
यमुना घाटी में अस्पतालों की सबसे खराब स्थिति है लेकिन सरकारें तब भी दावा ठोकती नजर आ रही है
यमुना घाटी के सुदूरवर्ती मोरी आराकोट का क्षेत्र हो या पुरोला नौगांव का बडियार क्षेत्र ऐसे जगहों तो सरकारी सुविधाएं पंहुच ही नहीं पाती है बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बदहाल बनी है।
यमुना घाटी के सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग इसे राज्य सरकार की नाकामी करार दे रहे हैं।