जयप्रकाश बहुगुणा
सिलक्यारा /उत्तरकाशी
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑलवेदर प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा -पौलगांव सुरंग के अंदर पिछले आठ दिनों से जिंदगी की जंग लड़ रहे श्रमिकों की कुशलता के लिए पुरे जनपद में लोग पूजा अर्चना कर मन्नतें मांग रहे हैं !लोग मंदिरों में हवन पूजन कर अपने ईष्ट देवताओं से सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के कुशलता की कामना कर रहे हैं !दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है।
वही रेस्क्यू का आज आठवां दिन है। और अब फंसे श्रमिकों का धैर्य भी जवाब देने लगा है।वह पाईप के माध्यम से बार बार पूछ रहे हैं कि हमें बाहर निकालने को प्रयास किये जा रहे हैं या नहीं !इस दौरान आज आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब रोबोट की मदद ली जाएगी।सुरंग में मशीनों के इस्तेमाल से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मलबा लगातार गिरने से रेस्क्यू में बाधा आ रही है। जिसके कारण ज्यादा रिस्क नहीं लिया जा सकता है!इसी बीच आज केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण करने सिलक्यारा पहुंचे, नितिन गडकरी का कहना है कि “पिछले 7-8 दिनों से हम पीड़ितों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ।
ऑपरेशन सिलक्यारा के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकार डॉ. नीरज खेरवाल को नोडल अफसर बनाया है।अमेरिकी मशीन के भी ड्रिलिंग के दौरान बंद होने से अब ऑपरेशन में जुटे विशेषज्ञ अन्य विकल्पों पर मंथन कर रहे हैं!सुरंग के उपर से वर्टिकल तरीके से सुरंग बनाने के लिए भी सड़क बनाई जा रही है !अब तक सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को आठ दिन बीत चुके हैं, उन्होंने सूरज के दर्शन नहीं किये वे बिना विस्तर, संसाधनों के किस अवस्था में हैं कहना मुश्किल है !लोगों ने व सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों ने तकनीक के साथ उत्तराखंड के देवी देवताओं पर अपनों की कुशलता की आश छोड़ दी है !बार बार स्थानीय देवता बौखनाग को यादकर अपनों की कुशलता की कामना कर रहे हैं !