जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी
यमनोत्री राजमार्ग के सिल्क्यारा टनल मे पिछले 9 दिनों से फंसे श्रमिकों के मामले मे आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ पूर्व विधायक गंगोत्री विजयपाल सजवाण व पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत ने घटनास्थल का स्थलीय निरीक्षण कर मामले को गंभीर बताया।
यहाँ पहुंचे नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य मे कहा कि सिल्क्यारा टनल के मामले ने न केवल प्रदेश के बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है । एक सप्ताह से ज्यादा समय देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़े थे पर अब सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जबाबदेही भी तय करनी होगी। यहाँ फंसे देश के 41 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नही होनी चाहिए।
ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 41 लोगों की बहुमूल्य जानें सप्ताह भर से संकट में फंसी हैं और अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग ही किए जा रहे हैँ। सरकार को साफ करना चाहिए कि लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने व बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्राविधान था भी या नहीं ? अगर प्रोजेक्ट में ये प्राविधान था और कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम कर रही थी तो कंपनी पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ये महत्वपूर्ण प्राविधान नहीं किये थे तो निर्माण करने वाले बिभाग पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
इस दौरान पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने कहा कि इस बड़ी परियोजना के निर्माण में मानकों और सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित करने में निश्चित रूप से अवहेलना हुई है इसलिए अब दुर्घटना होने के बाद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। जबकि परियोजना को शुरू करते समय भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद सबसे पहले सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित किया जाना चाहिए था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में राज्य के विभागों की तुलना में बहुत ही महंगी दरों पर बेहद घटिया काम लापरवाही के साथ हो रहा है इसलिए सिलक्यारा जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं । राज्य सरकार को बेहद सम्बेदनशील टनल निर्माण के कार्य में लगी सरकारी कंपनी और जमीन पर काम कर रही पेटी कंपनी के टनल निर्माण के क्षेत्र के अनुभव को भी जनता के सामने रखना चाहिए।
पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि प्रारंभिक सूचनाओं से ये सिद्ध होता है कि, यह दुर्घटना लापरवाही और अनुभवहीनता का नतीजा है ।
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजलवाण, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनीष राणा, जिला पंचायत सदस्य प्रदीप कैंतुरा, सतेंद्र कुमाई, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नत्थी लाल शाह, ब्लॉक अध्यक्ष सुरेंद्र पाल सिंह, बिजेंद्र नौटियाल आदि मौजूद रहे।