बड़कोट ।
राजेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय, बड़कोट में “एन.एस.एस स्थापना दिवस” के अवसर पर महाविद्यालय में संचालित एन.एस.एस इकाई के स्वयंसेवियों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया , जिसमें स्वसच्छता ही सेवा थीम के अंतर्गत सफाई अभियान चलाया गया साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ । महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ.विनोद कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती संगीता रावत एवं कार्यक्रम अधिकारी डी. पी. गैरोला. के द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना की पृष्ठभूमि पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। मंच का संचालन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता रावत ने कहा कि, राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी स्वरयंसेवियों को चकबंदी प्रेणता स्व राजेन्द्र सिंह रावत से प्रेरणा लेने चाहिए जिन्होंने रंवाई एवं उत्त राखण्डं को स्वैच्छिक चकबंदी के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने कहा कि “स्वच्छता ही सेवा” एक महत्वपूर्ण अभियान है, जो स्वच्छता को समाज सेवा के रूप में प्रस्तुत करता है। यह अभियान 2014 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वच्छता को प्राथमिकता देना और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। कार्यक्रम अधिकारी श्री दया प्रसाद गैरोला ने राष्ट्री य सेवा योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना में-
उठे समाज के लिए उठे – उठे,
जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें-जगें ।
स्वयं सजें वसुंधरा सँवार दें,
स्वयं सजें वसुंधरा सँवार दें।
जैसे भाव समाहित है। राष्ट्रीय सेवा योजना एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है । जिसका ध्येय वाक्य है ” ‘स्वयं से पहले आप’ (Not Me, But You) जो भारतीय संस्कृति का मूलमंत्र है। इसी विचार के आधार पर हम 5 हजार साल से दुनिया को एक बहुत बड़ा संदेश देते आ रहे हैं। ” वास्तव में यह कार्यक्रम अपने ध्येय को सार्थक करता है। जिसमें स्वयंसेवी अपने संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास कर अपने को पूर्ण शिक्षित करते हैं, क्योंकि एक पूर्ण शिक्षा का तात्पर्य है, संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास होना, जिसके लिए राष्ट्रीय सेवा योजना एक उचित मंच है। इसके अलावा महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ अंजु भट्ट ने कहा कि सफाई करने से कई तरह से मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। जिससे ध्यान केंद्रित करने और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि होती है। इसके अलावा, सफाई करने से हमारे व्यक्तित्व में सुधार हो सकता है, खासकर जब सफाई करते समय मननशील गतिविधि में लगे हों – इसके अलावा, सक्रिय सफाई से पर्यावरण की निश्चितता और नियंत्रणीयता हो सकती है, जिससे चिंता कम हो सकती है। डॉ. बी.एल थपलियाल के द्वारा एन.एस.एस के सेवा भाव एवं एन.एस.एस की प्रासंगिकता पर विस्तार व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम के अगले क्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व स्वयंसेवियों के द्वारा अपने पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय विशेष शिविर एवं एक दिवसीय शिविरों से व्यक्तित्व में हुए सकारात्मक परिवर्तन के विषय में अनुभव साझा किए गए । इसके अलावा स्वयंसेवियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के समापन उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार के द्वारा एन.एस.एस के स्थापना दिवस पर आयोजित एक दिवसीय शिविर के सफल आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय सेवा योजना राष्ट्र से व्यक्ति को एक सेतु के समान जोड़ता है, जिससे न केवल हमारा बौद्धिक विकास होता है, बल्कि मनोवैज्ञानिक के साथ हमारा सामाजिक विकास भी होता है । उन्होंने महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक संख्या में राष्ट्रीय सेवा योजना ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्ता स्टॉ फ उपस्थित रहा ।
टीम यमुनोत्री Express