ब्रह्मखाल/सुरेश चंद रमोला। सिलक्यारा बीट के अंतर्गत ग्यूनोटी और राडी के जंगलों में लगी आग ने बीते रोज भारी तांडव मचाया । वनाग्नि की चपेट में सेब के बगीचे और ग्रामीणों का पेड़ों पर टंगा घास भी जल गया जबकि ग्यूनोटी गांव निवासी प्रताप सिंह जयाडा का पक्का मकान और सडक पर बना एक ढाबा भी जल कर खाक हो गया जबकि एक और मकान को ग्रामीणों ने आग लगने से बचा लिया। सिलक्यारा बैंड के आस पास से जंगल में लगाई गई आग ने ग्यूनोटी गांव को चारों तरफ से घेर दिया था गनीमत रही कि ग्रामीणों और वनकर्मियों की भारी मस्क़त के बाद आग को काबू मे किया गया यदि इस वनाग्नि को काबू में नहीं किया गया होता तो गांव के अंदर तक भारी नुक़सान होता। हालांकि कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी ग्यूनोटी में पहुंच गई थी। यह घटना बीते रोज के सांय की है जब ग्रामीण खेती-बाड़ी के काम से घर लौट रहे थे। इस वनाग्नि से प्राकृतिक संपदा को भारी नुक़सान हुआ है क्योंकि राडी के इस घने जंगल में जंगली जानवरों के साथ देवदार, बांझ, बुरांस, रई, मुरेंडा और थुनेर जैसी अंंन्य कई प्रजातियों के जीवन रक्षक वन संपदा पाई जाती है। इन दिनों जंगलों मे लगी आग जन जीवन को प्रभावित कर रही है और प्रशासन खोखले दावे कर वनाग्नि के रोकथाम की बातें कहने मात्र तक सीमित है।