उत्तरकाशी/अरविन्द थपलियाल। उत्तराखंड राज्य में नगर निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण सार्वजनिक हो गया है और अब दावेदारों ने अपनी तैयारीयां कर दी हैं।
कुछ दावेदार टिकट को लेकर बड़े नेताओं के दरबार में हाजरी लगा रहें हैं और कुछ नेता बड़े नेताओं के समीकरण को बिगाड़ने में निर्दलीय चुनाव लड़ने की हुंकार भर रहे हैं।
जनपद उत्तरकाशी की हम बात करेंगे तो उत्तरकाशी(बाडा़हाट)की सीट अनारक्षित और चिन्यालीसौड़ नगरपालिका रिजर्व और बड़कोट ओबीसी और नौगांव और पुरोला दोनों सीटों पर महिलाओं का आरक्षण तय हुआ है।
आरक्षण सार्वजनिक होने पर अब राजनैतिक हलचल भी तेज हो गई है जहां उत्तरकाशी नगरपालिका की सीट चार घंटे में महिला के जगह अनारक्षित कर दी गई उसपर भी सवाल उठाये जा रहें हैं कि आखिर सरकार का यह कैसा महिला सम्मान?
अब जनपद की अन्य सीटों पर भी दावेदारी की तादात बढ रही है जहां नगरपालिका बड़कोट में आधा दर्जन से अधिक पुरूष और महिला नेताओं ने हुंकार भरी है।
नगर पंचायत नौगांव में अभी देखें तो भाजपा कैडर की महिलाओं ने अधिक दावेदारी की है जिनकी टकटकी टिकट को लेकर है और पार्टी के खिलाफ बगावती सुर भी उठ सकतें हैं।
सूत्रों की माने तो इस बार जनपद में कही बड़े चेहरे भाजपा और कांग्रेस के लिए मुसीबत भी बढा सकतें हैं लेकिन इसमें सबसे अधिक मुसीबत भाजपा खेमें को होगी जहां भाजपा एक तरफ सरकार अपनी साक बचाने को जीताऊ चेहरे देख रही है और दूसरी तरफ भीतर घात का भी डर सता रहा है।
नगरपालिका बड़कोट में यह लडा़ई बडी दीलचस्प होगी जहां कद्दावर नेता मैदान में रहेंगे और आर -पार की लडा़ई होगी।
नगर निकाय चुनाव का यदि आंकड़ा देखा जाये तो पिछले चुनाव में जनपद उत्तरकाशी में भाजपा ने सिर्फ एक सीट जीती थी नगर पंचायत नौगांव की और बाकी की सभी सीटे भाजपा हार गई थी।
अब यदि नतीजे भीतरघात में तब्दील हुये तो तो सत्ताधारी दल के लिये संकट खड़ा हो सकता है?
अब देखना यह होगा कि सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल अपने कौन से जीताऊ प्रत्याशी को टिकट देकर मैदान में उतारती है और कितने नेता बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ेगे यह तो समय के गर्त में है लेकिन यहां मुकाबला दिलचस्प होगा।