नौगांव/अरविन्द थपलियाल।नौगांव विकासखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कंसोला में वृहस्पतीवार को बाल शोध मेला आयोजित किया गया। कार्यक्रम में शामिल मुख्य अतिथी बीआरसी बिजेंद्र लाल, सीआरसी सुमेर असवाल क्षेत्र पंचायत सदस्य सरिता देवी, तथा प्रधान साक्षी
रही । बीआरसी बिजेंद्र लाल अपने संबोधन में विधालय की ओर से आयोजित बाल शोध मेले की सराहना कर कहा कि बाल शोध मेला के माध्यम से बच्चों में शिक्षा, आत्म विश्वास में बढ़ावा के साथ और सीखने की ललक बढ़ती है।
विधालय प्रभारी प्रधानाचार्य प्यार चंद, सहायक अध्यापिका सरोज बौरियाण तथा प्रशिक्षू अखिल रमोला सभी का स्वागत कर बाल शोध मेला के उद्देश्य की जानकारी दी। कहा कि शिक्षा में दो ही चीजें जरूरी हैं। पहली शिक्षक को अपनी प्रक्रियाओं पर भरोसा हो और वो बच्चों को पर्याप्त अवसर मुहैया कराएं। दूसरी बच्चों में खुद को जानने को लेकर आत्मविश्वास के साथ ही जो वो नहीं जानते हैं, उसे सीखने की ललक हो। उन्होंने कहा कि बाल शोध मेला बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। बाल शोध मेले में समुदाय से आए सदस्यों ने बच्चों की समझ और आत्मविश्वास की खूब सराहना की। मेले में बच्चों की ओर से स्टॉल भी लगाए गए ।
प्रभारी प्रधानाचार्य प्यार चंद रमोला, सहायक अध्यापिका सरोज बौरियाण तथा प्रशिक्षु अखिल रमोला द्वारा बच्चों की शोध एवं खोज पर विस्तृत चर्चा की । कार्यक्रम में बच्चों के द्वारा रवांई लोक संस्कृती की शानदार प्रस्तुती दी।
कार्य क्रम से पूर्व सरस्वती बंदना, स्वागत गान मन की बीणा,
मेर उत्तराखंड कनू प्यारू न्यारू, उत्तराखण्ड स्वच्छ बनाओ, समेत विधालय के सौरव ने रंवाल्टी कविता राजा की चल्कुणी सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। इस मौके पर पांरमपरिक व्यजन बड़ील, ढिढका, बाड़ी, कोद की रोटी, हिंड, भटवाणी, सीड़े, खीर, समेत 12 व्यंजन बना रखे थे। इसके अलावा सेल्फी प्वांईट, टीएलएम,
पठन पाठन सामग्री, स्वतंत्र लेखन, भाषा आदि के स्टाल लगाए गये ।
आंगन बाड़ी कार्यकत्री मुन्नी देवी की ओर से खेल सामग्री स्टाल लगाया गया।
बाल शोध मेले में बीआरसी बिजेंद्र लाल, सीआरसी सुमेर असवाल,
प्रभारी प्रधानाचार्य प्यार चंद रमोला, सहायक अध्यापिका सरोज बौरियाण, प्रशिक्षु अखिल रमोला, हरीमोहन रावत, प्रकाश सैलानी, प्रधान साक्षी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सरिता देवी, रशमी, संदीप, आंगनवाड़ी मुन्नी देवी समेत कई लोग मौजूद थे ।
कार्यक्रम का संचालन सहायक अध्यापिका सरोज बौरियाण ने किया।