यमुनोत्री express ब्यूरो
मुनस्यारी/पिथौरागढ़
मुनस्यारी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा का पहले दिन ही विरोध हो गया। वन पंचायत तथा भूमि के मालिकाना हक के मामलों का समाधान होने तक ग्राम पंचायतों को भंग नहीं किए जाने का अनुरोध भी किया गया है। जबरन ग्राम पंचायत को भंग किए जाने का विरोध करने का ऐलान भी किया गया।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कैबिनेट की बैठक में नगर पंचायत को मंजूरी दिए जाने के तत्काल बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेज कर कहा कि मुनस्यारी को आगे बढ़ाने के लिए नगर पंचायत की आवश्यकता है, लेकिन नगर पंचायत बनने से पहले तीन वन पंचायतों तथा जमीनों के मलिकाना हक के मामलों को सुलझाया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि नगर पंचायत बनने के बाद वन पंचायत का क्या अस्तित्व होगा? इस पर स्पष्ट राय 4 वर्षों से मांगी जा रही है, लेकिन कोई भी विभाग इस पर बोलने को तैयार नहीं है। राज्य सरकार को इसका प्रस्ताव भी भेजा गया था लेकिन सरकार की ओर से भी कोई पहल नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस नगर पंचायत की सीमा के भीतर वर्षों से रहने सैकड़ो परिवारों को मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। फ्री होल्ड होने की स्थिति में लाखों रुपए का राजस्व देने की स्थिति में गरीब परिवार नहीं है। इसलिए शून्य राजस्व पर इन परिवारों को मालिकाना हक फ्री होल्ड के माध्यम से दिए जाने की मांग का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।
इस प्रस्ताव पर भी राज्य सरकार चुपचाप बैठी हुई है। कोई भी विभाग इस मामले में बात करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि तहसील प्रशासन, जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार के पास वन पंचायत का अस्तित्व तथा जमीन के मालिकाना हक का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव पर सरकार को तत्काल अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब तक इन दोनों मामलों में कोई सम्मानजनक फैसला नहीं आता है, तब तक ग्राम पंचायत को भंग करने का पुरजोर विरोध किया जाएगा।इसके लिए शीघ्र क्षेत्र के लोगों की एक बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी।