नैनबाग : तहसील क्षेत्रान्तर्गत ग्राम श्रीकोट के तीन तालाब में लगभग हजारों मछलियों की मरने की खबर सुनते ही मत्स्यपालक के होश उड़ गए. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि यशपाल बिष्ट ने लॉक डाउन के समय मतस्य पालन का काम शुरू किया था. श्रीकोट में लगभग 2 क्विंटल मछली डाली गई थी, गांव के किसी ने सूचना दी की रात को हुई भारी बारिश से पूरा मलवा तालाबों में आ गया जिससे मछलियों ने दम तोड़ दिया. मत्स्यपालक यशपाल दौड़े-दौड़े पहुंचे तो देखा कि भीड़ लगी हुई है और सारी मछलियां बरसाती मलवे की बजह से दम तोड़ रही है. वहीं, गांव के लोगों का कहना था की रातभर हुई भारी बारिश से नदी नाले उफान पर आ गये और नाले का मलबा पानी तालाबों में आ गया, जिससे सारी मछलियों की मौत हो गई है. फिलहाल इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दी गई है.
मौके पर नायब तहसीलदार उपेंद्र राणा पहुंच कर मामले की जांच की। जिन्होंने पाया कि भारी बारिश के मलवे से मछलियों की मौत हुई है । उन्होंने बताया कि उक्त सूचना उच्च अधिकारियों को दी गयी है और रिपोर्ट तहसीलदार के माध्यम से भेज दी जाएगी।
मत्स्यपालक यशपाल ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान जैसे तैसे मत्यस्य पालन का कारोबार शुरू किया था. सब बर्बाद हो गया. हजारों मछलियों के एक साथ मरने से सदमे में हूं. श्रीकोट गांव के पास में खुदाई कराकर मछली पालन का काम शुरू किया था, ताकि अच्छी आमदनी होगी, हर साल की तरह इस साल भी मछली का जीरा उन्होंने डाला था. मछलियां बड़ी हो गई थी, अब उन्हें बाहर निकलने की सोच रहे थे, तबतक ये हादसा हो गया।स्थानीय लोगों के साथ उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
टीम यमुनोत्री Express