जय प्रकाश बहुगुणा
बड़कोट/उत्तरकाशी
तिलाडी शहीद दिवस पर आज पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOPS) द्वारा शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। तत्कालीन सामंत, राजशाही के द्वारा नागरिकों के वनाधिकार एवं पशु चुगान को प्रतिबंधित किए जाने के विरोध में यह ऐतिहासिक आंदोलन किया गया था। यमुना घाटी के वीरों ने अपने हक हकुको लिए एकजुट हुए और इसका पुरजोर विरोध किया था तब इस स्थान पर एकजुट हुए लोगो पर हुए लाठी ओर गोलीबारी में 380 से अधिक आंदोलनकारी शहीद हुए थे। सामंत शाही के दौर में अपने अधिकारों के संरक्षण के लिए लड़ा गया यह पहला ऐतिहासिक आंदोलन था। इस शहीद स्थल को हिमालय का जलियवला बाघ भी कहते हैं। अमर शहीदों की शहादत को नमन करते हुए पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के सदस्यों द्वारा स्मारक स्थल की मिट्टी का तिलक किया गया तथा संकल्प लिया कि सामंत शाही से इतर लोकतंत्र के इस दौर में हम अपने पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन को ओर तेज करेंगे और पुरानी पेंशन लेके रहेंगे।
तिलाडी शहीद स्मारक पर पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOps) के
जनपदीय मुख्य संरक्षक एवं उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी – शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष गोपाल राणा, जनपदीय अध्यक्ष जय प्रकाश बिजल्वाण जी विकास भवन अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिलाध्यक्ष त्रिलोक मराठा, NMOps के यमुना घाटी के मीडिया प्रभारी प्रताप राणा एवं k. P. डिमरी, प्रमोद राणा द्वारा
आंदोलनकारी वीर शहीदों को माल्यार्पण/श्रद्धांजलि अर्पित की गई।