जय प्रकाश बहुगुणा
नौगांव/उत्तरकाशी
जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत किये गए कार्यों का सर्वेक्षण कराने के लिए जिस एनजीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है उनके साथ से विकास खण्ड नौगांव के जबाबदेह कर्मचारी गायब हैं।उत्तरकाशी जनपद के कुछ ग्राम पंचायतों में इन दिनों एक एनजीओ उत्तराखण्ड सामाजिक अंकेक्षण जवाबदेही एवं पारदर्शिता अभिकरण(उसाटा)के द्वारा ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत किये गए कार्यों का सर्वेक्षण किया जा रहा है जिसमें विकास खण्ड के जेई, ग्राम विकास अधिकारी साथ में रहने आवश्यक है।नौगांव विकास खण्ड की कन्सेरु ग्राम पंचायत में एनजीओ के कर्मचारियों के साथ न तो विकास खण्ड के जेई हैं और न ग्राम विकास अधिकारी थे।कुल मिलाकर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर ब्लॉक स्तरीय कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं।जबकि एनजीओ वाले मनरेगा कार्यों का सर्वेक्षण कर ग्रामीणों को जानकारी भी दे रहे हैं।उपरोक्त सम्बन्ध में जब नौगांव के खंड विकास अधिकारी शशी भूषण बिंजोला से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण करते समय एनजीओ कर्मियों के साथ ब्लॉक के जेई, ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सेवक ,बीएफटी आदि उपस्थित रहना आवश्यक है।यदि सर्वेक्षण किये जा रहे गांवो में विकास खण्ड के कर्मचारी मौजूद नहीं हो रहे हैं तो उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।