बड़कोट। सरनौल निवासी 90 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक रामकृष्ण रावत का मंगलवार को निधन हो गया।
सेवानिवृत प्रधानाध्यापक रामकृष्ण रावत बहु प्रतिभा के धनी थे वे काष्ठ कला, ललित कला, चित्रकार, पेंटिंग, रंगमंच के माने- जाने कलाकार, हारमोनियम वादन के विशेषज्ञ, अनेकों गांव में नाटक, रामलीला में निर्देशन की भूमिका में रहे। पचास के दशक में टिहरी से एच टी सी कर अध्यापन कार्य करने वाले, राजकीय आदर्श विद्यालयों में गंगाड़, गीठ, बड़कोट, सुनाल्डी, सरनौल आदि अनेकों विद्यालयों में अपनी लम्बी सेवाएँ देने के उपरांत सेवानिवृति के पश्चात गांव में सामाजिक सरोकारों को निभाते हुए वे छीणी- हथौड़े से मूर्तियां तराशना, कलाकारी करना,अनेकों प्रकार का शिल्प करना, काष्ठ पर बाघ, मुनाल को बनाना , उनके हुनर की एक प्रेरणाप्रद अनूठी पहल थी।गाँव के शिक्षक ध्यान सिंह रावत बताते हैं कि उनके उकेरे व बनाए बाघ मुनाल मंदिर में शोभा बढ़ा रहे हैं। सरनौल के लिए एक रिक्त स्थान छोड़कर सदा- सदा के लिए चले गये हैं, उनके द्वारा बनाये गए शिवलिंग ,कई मूर्तियां, और काष्ठकला के चिन्ह बस उनकी जीवन स्मृति की यादें हमें हर पल सताती रहेगी, पूर्व की बातों के अंश स्मृति रूप में सुरक्षित रहेंगे।हम सभी लोग
विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करते हैं।