उत्त्तरकाशी।
उत्त्तरकाशी के यमुनाघाटी में गरीबों के लिए गुणवत्ताविहीन चावलों की भारी खेप को प्रशासन ने रंगे हाथों पकड़े जाने के मामले को तीन महीने बीतने को है लेकिन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा की गई सैम्पलिंग सहित प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की सैम्पलिंग की रिपोर्ट सार्वजनिक नही की गई ।जिससे यमुनाघाटी की जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। जनता के साथ हुए खिलवाड़ पर जांच एजेंसी द्वारा मौन होना और सैम्पलिंग की रिपोर्ट की जानकारी न लेना विभाग की कार्य प्रणाली को दर्शाता है।
मालूम हो कि यमुनाघाटी में लंबे समय से घटिया चावलों की सफ्लाई सरकारी गोदामों में व डीलरों को दिए जाने की मिल रही थी , 22 मार्च को स्थानीय प्रशासन ने 4 एलपी ट्रकों में लगभग 800 कट्टे खराब चावल की खेप पकड़ी थी जिसके बाद 23 मार्च को खाद्यान्न विभाग में उत्त्तरकाशी से देहरादून तक के अधिकारी पहुँचे, इतना ही नही राईज मील मालिक व सफ्लाई ठेकेदार भी मौके पर चक्कर लगाते रहे । आनन फानन में खाद्य एवं पूर्ति विभाग , स्वास्थ्य विभाग और उपजिलाधिकारी ने खराब चावलों की सैम्पलिंग करवाकर लैब को जांच हेतु भेजा लेकिन तीन महीने बीतने को है पर लैब व विभाग द्वारा सैम्पल रिपोर्ट का खुलासा नही किया गया।
जिला पंचायत सदस्य आनंद सिंह राणा , एडवोकेट विनोद विष्ट , सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज जय हो ग्रुप संयोजक सुनील थपलियाल ,कोषाध्यक्ष मोहित अग्रवाल सहित स्थानीय लोगो के साथ जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सैम्पलिंग रिपोर्ट सार्वजनिक करने व खराब चावल की सफ्लाई करने वाले वेश गोदाम में तैनात संलिप्त अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है।
इधर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में गढ़वाल उपायुक्त विपिन कुमार ने बताया कि मेरे सम्मुख 23 मार्च को चार ट्रकों से चावलो की सैम्पलिंग जांच के लिए लैब भेजी गयी थी। रिपोर्ट आयुक्त कार्यालय में आ गयी है वहाँ से ले सकते है। उसमें क्या रहा उसकी मुझे कोई जानकारी नही है।
बड़कोट उपजिलाधिकारी सुश्री शालनी नेगी ने बताया कि घटिया चावल की बड़ी खेप 22 मार्च को पकड़ी गई थी प्रशासन ने खराब चावलों का सैम्पलिंग अलग से 23 मार्च को करवाते हुए अपने कर्मचारी के माध्यम से लैब को भेजा था लेकिन आज तक उसकी जांच रिपोर्ट नही आई है। इसके लिए पत्राचार के रिपोर्ट मंगवाई जायेगी।
टीम यमुनोत्री Express