दो सप्ताह से रिपोर्ट पर कौन कुण्डली मार कर बैठा है?
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही न होने से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी
गोरखधन्धा वर्षों से चल रहा जबकि डबल इंजन जैसे जुमलों से लोगों को बहकाया जा रहा
सुनील थपलियाल
उत्तरकाशी।
यमुनाघाटी में गुणवत्ताविहीन चावल की खेप के बाद हुई सेम्पलिंग कि रिपोर्ट दो सप्ताह बीतने के बाद भी सार्वजनिक न होने और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही न होने से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज ‘जय हो’ ग्रुप ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव उत्तराखंड से सैपलिंग रिपोर्ट का खुलासा करने व आम नागरिको के जीवन से खिलवाड़ करने वाले खाद्य आपूर्ति विभाग के मार्केटिंग विंग के दोषी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्यवाही की मांग की है। माना जा रहा है कि यह गोरखधन्धा वर्षों से चल रहा है और डबल इंजन जैसे जुमलों से लोगों को बहकाया जा रहा है। खाद्यान्न के नमूनों और आपूर्ति किए जा रहे खाद्यान्न में यह अंतर पकड़ा पहली बार गया हो लेकिन धंधा काफी पुराना प्रतीत होता है। इस बात को खारिज करने का कोई कारण भी नहीं है।
आपको बताते चले कि उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी में विगत कई सालों से विकासनगर मेन गोदाम से बिना टैग लगे गुणवत्ताविहीन चावल की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है। लम्बे समय से सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज के पदाधिकारी उक्त घटिया चावलो की खेप को रंगे हाथों पकड़वाने की जुगत में जुटे थे। बीती 21 मार्च को मेन गोदाम विकासनगर से जैसे ही गुणवत्ताविहीन चावलों के नौ ट्रक भरे गये, उसके बाद जानकारी मिल गयी कि यमुना घाटी में उक्त चावल पहुन्चाया जा रहा है। उसी दिन चार ट्रक बड़कोट और पाँच ट्रक पुरोला और मोरी ब्लॉक के गोदामों तक पहुँचे। 22 मार्च को उपजिलाधिकारी सुश्री शालिनी नेगी के संज्ञान में जय हो ग्रुप द्वारा यह मामला लाया गया और एसडीएम द्वारा प्रभारी तहसीलदार धनी राम डंगवाल से मय राजस्व उपनिरीक्षक के साथ छापामारी की गई। चारों ट्रकों से घटिया चावल के सैम्पल लिए गये और बिना प्रशासन की अनुमति के उक्त ट्रकों को उतरवाने पर रोक लगवा दी गयी। उसके बाद प्रभारी तहसीलदार ने उक्त गुणवत्ताविहीन चावलों को उपजिलाधिकारी को दिखाया जो पहली नजर में दिखने में ही आम लोगो के जीवन के साथ खिलवाड़ होना प्रतीत हुआ। तो एसडीएम बड़कोट ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित को उक्त प्रकरण की जानकारी दी। फिर क्या था । 23 मार्च को उत्तरकाशी से लेकर देहरादून तक के अधिकारी बड़कोट सरुखेत पहुँच गये जिसमें खाद्य सरक्षा सरक्षा
अधिकारी उत्तरकाशी अश्वनी सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी संतोष भट्ट व पूरी टीम सहित देहरादून से खाद्य आपूर्ति विभाग के गढ़वाल मंडल उपायुक्त विपिन कुमार, उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी ने उक्त प्रकरण की जांच की और स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन और खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा अलग अलग सैम्पलिंग की गई, लेकिन दो सप्ताह बीतने के बाद भी तीनों सैम्पलिंग की रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाना दोषी अधिकारी व कर्मचारियों को बचाने की मंशा को दर्शा रहा है। लोगों के बीच यही संदेश गया है कि प्रशासन यमुना घाटी के लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता आया है और यह परम्परा वर्षों से जारी है।
“जय हो” ग्रुप के संयोजक सुनील थपलियाल व सदस्यों ने सूबे के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए मामले में संलिप्त विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है। अगर जल्द घटिया चावलों की ली गयी सैम्पलिंग की रिपोर्ट का खुलासा नहीं होता है और दोषियों पर कार्यवाही नहीं की गई तो स्थानीय लोगों के साथ जय हो ग्रुप ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इधर जिला पूर्ति अधिकारी संतोष भट्ट ने बताया कि 30 और 31 मार्च को यमुना घाटी के सभी खाद्यान्न गोदामों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। उसमें सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देशित किया गया कि बिना सेम्पल के ट्रकों से राशन न लिया जाए और उससे पहले सैम्पल का मिलान किया जाए। अगर मिलान सही नहीं पाया जाएगा तो सम्बंधित खाद्यान्न ट्रक को वापस लौटा दिया जाए। उन्होंने कहा कि उक्त सैम्पलिंग की रिपोर्ट आनी बाकी है।
टीम यमुनोत्री Express