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देश का भविष्य: इंटर कालेज के छात्र – छात्राएं जो हाईटेक शिक्षा के वजाय खुले आसमान के नीचे 4 से 5 डिग्री तापमान पर जमीन पर बैठ कर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर …पढ़े पूरी खबर

 जय प्रकाश बहुगुणा /शान्ति टम्टा

उत्तरकाशी – ख़बर उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के सुदूरवर्ती क्षेत्र सांकरी से है जंहा का राजकीय इंटर कॉलेज आधुनिक भारत की हकीकत को बंया कर रहा है जी हाँ तस्वीरों में आप देख रहे हैं मोरी ब्लॉक के सांकरी गांव का ये राजकीय इंटर कॉलेज का भवन ।
शिक्षा महकमें के अफसरों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से देश का आने वाले भविष्य नन्हें मुन्हे बच्चों के जीवन पर भारी पड़ रहा हैै
मोरी तहसील मुख्यालय से मात्र 16 किमी दूर राजकीय इंटर कॉलेज सांकरी की टूटी- फूटी दीवारों और छत पर सड़ी- गली बल्लियों के सहारे चल रहा लेकिन जिम्मेदार अफसर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है सांकरी गांव में वर्ष 1992 में राजकीय माध्यमिक विद्यालय खोला गया था लेकिन वर्ष 2014 में विद्यालय का उच्चीकरण किया गया।
विद्यालय के उच्चीकरण को 8 वर्ष का समय पूरा होने पर भी अब तक इस विद्यालय में न तो कोई मरम्मत का कार्य किया गया है और न ही कोई नया भवन का निर्माण कार्य किया गया है
29 वर्षों से संचालित इस विद्यालय में विद्यालय का अपना भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन 1992 से अब तक सांकरी के इस विद्यालय में छात्र जैसे तैसे शिक्षा ग्रहण कर रहे है लेकिन कुछ वर्षों से विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ने लगी हैं लेकिन भवन की स्थिति इतनी गम्भीर व दयनीय बनी हुई है कि छात्र- छात्राओं बाहर खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर इस जर्जर हालत वाले विद्यालय में पड़ने वाले छात्रों का भी पढ़ाई में पूरी तरह ध्यान लगाना मुश्किल हो गया है इन छात्रों का दुर्भाग्य तो देखों जंहा सूबे के शिक्षा मंत्री हाई टेक शिक्षा प्रणाली की बात करते हैं वही उनके वादों को आइना दिखा रही मोरी ब्लॉक के सांकरी गांव का राजकीय इंटर कॉलेज के ये छात्र – छात्राएं जो हाईटेक शिक्षा के वजाय खुले आसमान के नीचे 4 से 5 डिग्री तापमान पर जमीन पर बैठ कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा की 29 साल का समय पूरा हो गया है लेकिन अभी तक नहीं तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान दिया नहीं अधिकारियों ने इस मामले को संज्ञान में लिया है ।क्या ऐसे में साकार हो सकता है डिजिटल इंडिया का सपना जंहा विद्यालय में न तो अच्छी छत है और न ही सही दीवारें विद्यालय के नाम पर चार दिवारी जिसकी जमीन पर इस कड़कती ठंड में भी जमीन पर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही हैं
शिक्षा विभाग की लापरवाही से यमुनाघाटी के ऐसे अनेकों स्कूलों में देखने को मिलता है गरीब परिवार के बच्चों ऐसी छतिग्रस्त भवनों में अपनी शिक्षा पूरी करने को मजबूर हैंं।

जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह ,ब्लॉक प्रमुख बच्चन सिंह पंवार, चैन सिंह, भगत सिंह आदि कहते है की जूनियर से हाईस्कूल उत्तर प्रदेश सरकार के समय और 2014 में इंटर कालेज का दर्जा मिल गया था परन्तु न तो हाईस्कूल उच्चीकरण के समय भवन बना और न इंटर कालेज बनने के बाद से आज तक भवन बन पाया। बिल्डिंग का प्रपोजल कई बार भेजा गया पर स्वीकृति न मिलने से बच्चे खुले आसमा के नीचे सर्दियों व बरसात में पढ़ने को मजबूर है।

टीम यमुनोत्री Express

 

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