सुनील थपलियाल देहरादून। 3 अक्टूबर
जौनपुर ब्लॉक के पट्टी पालिगाड़ के ईष्ट देव नागराज देवता का गीत बढ़ा चर्चाओं व विख्यात हो रहा है, जो एक बार सुन रहे है वह बार बार सुनने की इच्छा से कुलदेवता नागराज पर आधारित गीत को सुन रहे है । पट्टी पालिगाड़ के ओंतड़ गाँव मे नागदेव का विशाल मंदिर है ,दर्जनों गाँव के ग्रामीण इष्टदेव की आराधना करते है। संस्कृत व संगीत से आचार्य कर रहे आचार्य गिरीश प्रसाद कान्यकुब्ज ने कई गीतों के साथ कुलदेवता नागराज पर स्वरचित गीत को सुरीले स्वर में गाया जिसकी चारों ओर संगीत प्रेमी प्रसंशा कर रहे है। संगीताचार्य गिरीश का कहना है कि मेरी संगीत की शिक्षा में गुरुजी संगीताचार्य श्री राजेन्द्र नेगी द्वारा तबला ,हारमोनियम गायन , कथक आदि की बेहतर ज्ञान व शिक्षा दी जा रही है । गुरुजी की प्रेणा से कई गीत हमने गाये है। उन्होंने कहा कि अपनी लोक संस्कृति ,लोक विधाओं व अपने धार्मिक स्थलों के गीत संगीत के माध्यम से विश्व पटल पर लाना पहला लक्ष्य है । उन्होंने कहा कि अभी संस्कृत और संगीत से आचार्य की उपाधि के साथ संगीत के माध्यम से कार्य चल रहा है । उन्होंने बताया कि कुलदेवता के गीत के साथ “छुमा ले” गीत,” बामा देई” गीत ने धूम मचाई हुई है। उन्होंने कहा कि आगे भी अपने क्षेत्र, उत्तराखंड सहित देश की संस्कृति , धरोहरों पर गीत गाये जाएंगे , जिस पर मेरा कार्य चल रहा है ।
इधर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों व बुद्धजीवियों ने संगीत आचार्य गिरीश प्रसाद के गीतों की प्रसंशा के साथ भविष्य में बेहतर संगीत के क्षेत्र में कार्य करने की शुभकामनाएं दी है ।