बड़़कोट/अरविन्द थपलियाल।खरशाली ख़ुशिमठ में यमुना मैय्या की शीतकालीन यात्रा पर पहुँचे जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने यात्रा का शुभारंभ करने के बाद वापसी आते समय यमदग्नि ऋषि की तपस्थली थान गाँव पहुँचे जहाँ पर उन्होंने मुनि महाराज व कल्पवृक्ष के दर्शन किये साथ ही यमदग्नि ऋषि मन्दिर के पास संस्कृत विद्यालय खोलने की उन्होंने घोषणा की।
मालूम हो कि चारधाम शीतकालीन यात्रा का सोमवार से आगाज हो गया, जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज व उनके साथ ग्यारह राज्यों से श्रद्धालुओं ने यमुना मैय्या के शीतकालीन गद्दी स्थल ख़ुशिमठ पहुँचकर देश विदेश के सनातनियों से शीतकाल में चारधाम दर्शन किये जाने का आह्वान किया। श्री यमुनोत्री मन्दिर समिति सहित ग्रामीणों ने यात्रा जत्था का भव्य स्वागत किया। मंगलवार को गंगा के शीतकालीन यात्रा के दौरान जगतगुरु शंकराचार्य ने थानगांव पहुँचकर यमदग्नि ऋषि मुनि महाराज के मंदिर पहुँचे जहां उन्होंने मुनि महाराज व कल्पवृक्ष के दर्शन किये। उन्होंने कहा कि चारधाम की यात्रा में कई पौराणिक मन्दिर है जिनके दर्शन तीर्थयात्रियों को करने चाहिए। उन्होंने ग्राम थानगांव में जोशीमठ की तर्ज पर संस्कृत विद्यालय खोलने का पुजारियों को आश्वासन दिया। ग्रामीण पण्डित गणेश डिमरी ने बताया कि देवभूमि के कण कण में ईश्वर है,आज जगतगुरु शंकराचार्य जी द्वारा मुनि महाराज मन्दिर में पहली बार पहुँचे । ग्रामीणों ने अपने आप को भग्यशाली माना और शंकराचार्य जी का भव्य स्वागत किया।
इस मौके पर गणेश डीमरी, गोविंद राम डिमरी,शांति प्रसाद डिमरी, आनुष्या प्रसाद डिमरी, विकाश डिमरी, आशीष डिमरी, मधुसूदन डिमरी ,डॉ बृजेश सती सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।