उत्तरकाशी/अरविन्द थपलियाल।जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में सुरक्षा एवं सुविधाओं के विस्तार हेतु विश्वस्तरीय अवसंरचनाओं का निर्माण किए जाने पर जोर देते हुए संबंधित विभागों को परियोजनाओं के प्रस्ताव अविलंब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि इन धामों के विकास व विस्तार के लिए भविष्य की आवश्यकताओं और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की उत्तरोत्तर बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की जानी जरूरी है।
जिला मुख्यालय में विभिन्न विभागों और कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों की बैठक लेकर जिलाधिकारी ने पिछले दिनों अतिवृष्टि से यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण और बाढ व भूस्खलन से सुरक्षा के उपायों के साथ ही इन दोनों धामों के विकास को लेकर दीर्घाकलीन योजनाओं के प्रस्ताव बनाए जाने पर विचार-विमर्श किया। बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग करते हुए गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल तथा यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने धामों के विकास एवं बाढ सुरक्षा को लेकर विचार रखते हुए घाटों, वैकल्पिक सड़कों, पुलों एवं अन्य सुविधाओं को विकास किए जाने के संबंध में विचार रखे। बैठक में यमुनोत्री रोपवे परियोजना के सीईओ अविरल जैन ने बताया कि परियोजना के लिए सामग्री परिवहन करने वाले अस्थाई रोपवे का निर्माण जल्द शुरू करवाया जाएगा। इस निर्माण के दायरे में आने वाले पेड़ों का छपान की कार्रवाई कर ली गई है।
बैठक में जिलाधिकारी ने रोपवे का कार्य अविलंब प्रारंभ करने के निर्देश देने के साथ ही लोनिवि बड़कोट के अधिशासी अभियंता को यमुनोत्री धाम के लिए वैकल्पिक मार्ग के प्रस्ताव में रेस्टिंग फैसिलिटी सहित स्तरीय मार्गीय सुविधाओं एवं चिकत्सा व अन्य सहायता इंतजामों के लिए सर्विस एरिया का भी प्राविधान किए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री धाम में मंदिर परिसर के विस्तार तथा अन्य सुविधाओं का विकास किए जाने के लिए योजनाएं तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश देने के साथ ही सिंचाई विभाग को घाटों के निर्माण व सुरक्षा कार्यों की योजना तैयार करने को कहा। जिलाधिकारी ने इस क्षेत्र में टनल पार्किंग निर्माण के लिए भूवैज्ञानिक के राय के अनुसार प्रारंभिक अलाइनमेंट का खाका और डीपीआर अविलंब प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में गंगोत्री धाम के विकास व सुरक्षा के संबंध में विचार-विमर्श करते हुए जिलाधिकारी ने गंगोत्री में नदी के तटवर्ती क्षेत्रों से होते रिंग रोड या एलीवेटेड कॉरीडोर बनाए जाने और दोनों तटवर्ती क्षेत्रों को पुलों से जोड़े जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भीड़ व सुरक्षा प्रबंधन और धाम की धारण क्षमता बढाने के लिए यह कार्य किए जाने अपरिहार्य हैं। इसके साथ ही धाम के प्रारंभिक प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर तक के मार्ग को चौड़ा किया जाना, जलापूर्ति एवं सीवरेज प्रबंधन की उपयुक्त योजनाएं बनाया जाना भी जरूरी है। जिलाधिकारी ने गंगोत्री में घाटों के निर्माण में नई तकनीकों व उपयुक्त निर्माण सामग्री का उपयोग करते हुए नदी में बहकर आने वाले मलवे-पत्थरों से सुरक्षित बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग धामों की अवसंरचनाओं के निर्माण के लिए देश-दुनिया में प्रयोग हो रही नए तौर-तरीकों व तकनीकों का इस्तेमाल करने के लिए प्रयास करें। ताकि हम आने वाले सालों में धामों पर श्रद्धालुओं को बेहतर व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करा सकें।
जिलाधिकारी ने बैठक में धामों में चल रहे सुरक्षा कार्यों को तेजी से पूरा करने और मलवे के सफाई के कार्य को तत्परता से पूरा करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी एवं नवाजिश खलीक, अधिशासी अभियंता केएस चौहान (सिंचाई), एलसी रमोला (जल संस्थान), मधुकांत कोटियाल (जल निगम), विनीत रस्तोगी (जिला विकास प्राधिकरण), मनोज गुसांई (यूपीसीएल), जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, साहसिक पर्यटन अधिकारी मोहम्मद अली खान, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत गंगोत्री कुसुम राणा सहित वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रभागीय वनाधिकारी रविन्द्र पुण्डीर, अधिशासी अभियंता मनोहर सिंह (लोनिवि बड़कोट), पन्नी लाल (सिंचाई खंड पुरोला) सहित अनेक विभागों व कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों ने भाग लिया।