टिहरी। देवभूमि उत्तराखंड जहां अपने धार्मिक महत्व और बेमिसाल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वप्रसिद्ध हैं,वहीं अब साहसिक खेलों और जलक्रीड़ाओं ने भी सैलानियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। देहरादून से 106 किमी की दूरी जो नरेन्द्रनगर/चंबा होते हुए निजी छोटे वाहन से मात्र ढाई घण्टे में तय की जा सकती है,पर स्थित है टिहरी झील का नौकायन स्थल। पर्यटन विकास में रुचि रखने वाले और अर्थशास्त्र के प्राध्यापक रहे सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो.के.एल.तलवाड़ ने रविवार को सपरिवार टिहरी झील पहुंच कर अपने विचार हमसे साझा किये। अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण टिहरी झील एक आकर्षक वाटर स्पोर्ट्स सेंटर के रूप में तेजी से विकसित होते हुए अपनी विश्वस्तरीय पहचान बना रहा है। विशाल जल संग्रह की वजह से पर्यटकों के लिए आकर्षक का केन्द्र बनी यह झील स्थानीय युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करवा रही है। यहां पहुंचने वाले सैलानी जेट स्पीड,जेट स्कीइंग, जेट अटैक,पैडल बोट,शिकारा बोट,मोटर बोट राइडिंग के साथ-साथ पैराग्लाइडिंग का भी आनंद निर्धारित शुल्क के साथ ले रहे हैं। समस्त जलक्रीड़ाओं के लिए लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य है। बोट चालक सवारियों के लिए गाईड का कार्य करते हुए उन्हें टिहरी शहर डूबने और झील निर्माण की जानकारी देते हुए फोटोग्राफी में भी सहयोग कर रहे हैं। श्रीमती नीलम तलवाड़ भी टिहरी झील में नौकायन कर अभिभूत दिखी और झील के बाहर भी सौंदर्यीकरण की बात कही।