सुरेश चन्द रमोला
ब्राह्मखाल/उत्तरकाशी
सिलक्यारा टनल में में विगत तीन रोज से फंसे चालीस मजदूरों के रेस्क्यू अभियान में हो रहे ब्यवधान को लेकर प्रशासन ने भी मान लिया कि कहीं न कहीं बौखनाग देवता की धरती को खोदने से दैवीय प्रकोप भी हो सकता है इसलिए आज केन्द्रीय राज्यमंत्री बी के सिंह ने बौखनाग देवता के पुजारी राम नारायण अवस्थी के हाथों पूजा अर्चना कर टनल के मुहाने पर बौखनाग देवता की पूजा की और नागराज देवता से रेस्क्यू अभियान को सफल बनाने दुआ की। इसके बाद उन्होंने अमेरिकन आंगर मशीन के ड्रिलिंग अभियान को रेस्क्यू पर लगवाया। विगत पांच सालों से सिलक्यारा टनल में हो रहे सुंरग निर्माण कार्य के मामले में बौखनागराजा देवता ने कई बार कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को संकेत दिये कि पहले मेरी शरण में आओ फिर निर्माण कार्य प्रारंभ करो मगर उनकी नास्तिकतावादी विचार धारा ने आज चालीस मजदूरों की जान खतरे में डाल दी। हांलिक बौखनागराजा की कृपा से टनल के अंदर फंसे मजदूरों को कोई नुक्सान नहीं होगा देवता के माली, पुजारी इस बात को कह रहे हैं। बोखनाग देवता के माली और पुजारियों का कहना है कि जिस धरती को काट कर टनल बनवाई जा रही है वह बौखनाग देवता की धरती है और उनकी कृपा के बिना यहां कार्य करना नामुमकिन है। सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच हो रहे निर्माण कार्य में कई बार ब्यवधान हुआ टनल का रिसाव हुआ मसीने खराब हुई डायनामाइट नहीं फटे टनल में कई बार टूटने के संकेत दिए मगर कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने देव संकेत को नकार दिया। तीन माह पहले इसी साल सावन में कंपनी के कुछ कर्मचारी बौखनाग धाम में देवता की शरण में गये थे जहां देवता के माली माली ने कहा था कि अब तक जो हुआ वह तो ट्रेलर था मगर हल्के में लिया जल्द पिक्चर भी सामने आ जायेगी और अंजाम आज सबके सामने है जहा चालीस मजदूर जिंदगी की जंग लड रहे हैं। देवता के माली और पुजारियों ने बताया कि यदि टनल के दोनों तरफ बौखनाग के मन्दिर नहीं बनाये गये और विधि विधान से बौखनाग देवता की पूजा-अर्चना नहीं की गई तो भविष्य में इससे भी गंभीर परिणाम सामने आयेंगे। प्रशासन को टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने जिला प्रशासन को बौखनाग देवता की शरण में जाना चाहिए और भगवान बौखनाग से आशीर्वाद लेना चाहिए।