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सुनील थपलियाल उत्त्तरकाशी
खरशाली में भगवान समेश्वर देवता के कपाट पौराणिक रीति रिवाजों और धार्मिक परम्पराओं के बीच शीत काल के लिए आम श्रद्धालुओं के लिए बन्द कर दिये गये।
शुक्रवार को हरिद्वार से स्नान कर लौट भगवान समेश्वर देवता के विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चार व लोकनृत्य के साथ समेश्वर देवता अपनी गद्दी स्थल पर शीत काल के लिए बिराजमान हो गये । कपाट बंदी के दौरान मन्दिर में भजन कीर्तन और लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। अब चार माह तक श्रद्धालु समेश्वर देव के दर्शन नही कर पायेगा।
मालूम हो कि खरशाली ख़ुशिमठ में गीठ पट्टी के आराध्य ईष्ट भगवान श्री समेश्वर देव के दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर चार माह के लिए कपाट बन्द कर दिए गए। शनिवार को सुबह से ही मन्दिर में पूजा अर्चना होती रही । मन्दिर परिसर में जै जै हो भगवान श्रीसमेश्वर देवता और देव अनुष्ठान के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण होता रहा। सैकड़ो की संख्या में पहुँचे श्रद्धालुओं ने आराध्य देव डोली से अपनी समस्या के निस्तारण और कुशलक्षेम की कामना की। पुजारी चंडी प्रसाद उनियाल ने बताया कि गिठ पट्टी के आराध्य ईष्ट भगवान श्री समेश्वर देवता के कपाट अभिजीत मूर्त पर दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के लिए बन्द कर दिए गए है । अब समेश्वर देव चार माह तक अपनी गद्दी पीठ पर मन्दिर के भीतर विराजमान रहेंगे । सुबह से ही विधि विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना हुई , देव डोली के सम्मुख सैकड़ो की संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं ने अपनी समस्या रखी जिसका निस्तारण समेश्वर देव ने मौके पर करते हुए सभी श्रद्धालुओं के कुशल क्षेम का शुभ आशीष देते हुए मन्दिर में विराजमान हो गए । कपाट बंदी के समय क्षेत्र पंचायत सदस्य अरविंद रावत, ग्राम प्रधान यशवंत सिंह, समेश्वर देवता मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह पंवार, सचिव सूरज तोमर, कृतेश्वर प्रसाद उनियाल, बागेश्वर प्रसाद उनियाल,मदन मोहन शास्त्री,नारायण उनियाल,प्रेम बल्लभ उनियाल, मुरली धर उनियाल,चन्द्रमणि उनियाल,अंकित उनियाल, पंकज पंवार,विजय सिंह पंवार, चैन सिंह , आशिष उनियाल, गिरीश उनियाल, सुभाष उनियाल , मनमोहन उनियाल , जय प्रकाश सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
टीम यमुनोत्री Express