जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट/उत्तरकाशी
उत्तरकाशी जनपद में स्थित गढ़वाल मंडल का एक मात्र दिव्यांग स्कूल(दृष्टि दिव्यांग छात्रावास) विजया पब्लिक स्कूल तुनाल्का नौगांव के दृष्टि दिव्यांग छात्र-छात्रायें सरकार द्वारा अनुदान न मिलने के कारण भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।अनुदान राशि के भुगतान नहीं होने के कारण दिव्यांगजन छात्रावास के दृष्टि बाधित दिव्यांग छात्र-छात्राएं व विद्यालय प्रबंधन ने शुक्रवार से तहसील परिसर बड़कोट में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पिछले दो सालों से विद्यालय को अनुदान नहीं मिल पाने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे इन छात्रों को मजबूरन हड़ताल करने को विवश होना पड़ा है।
जिसके कारण पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार विजया पब्लिक स्कूल तुनाल्का के दृष्टि दिव्यांगजन छात्रावास के दिव्यांग बच्चे शुक्रवार को अनुदान की मांग को लेकर विद्यालय प्रबंधन के साथ बड़कोट तहसील कार्यालय पहुंचे तथा यहां प्रदर्शन कर धरने पर बैठ गए हैं। पूर्व में विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ छात्रों ने बड़कोट एसडीएम को ज्ञापन देकर अनुदान को लेकर उचित कार्यवाही की मांग की थी तथा छात्रों की मांग पूरी नहीं होने पर 25 नवंबर से तहसील कार्यालय परिसर में धरने पर बैठने को लेकर अल्टीमेटम दिया था।
उत्तरकाशी जिले के अंतर्गत बड़कोट तहसील के तुनालका में संचालित विजया पब्लिक स्कूल में उत्तरकाशी और टिहरी जिले के 50 दृष्टि बाधित दिव्यांग बच्चों को पढाई से लेकर रहने व भरण पोषण की सुविधा दी जाती है। यहां पढ़ रहे इन दृष्टि बाधित बच्चो के भरण पोषण के लिए सरकार से अनुदान मिलता था, जो पिछले दो सालो से नहीं मिल पा रहा है। जिससे यहां खाद्यान्न और जरुरी सामान का दृष्टि बाधित स्कूल प्रबंधन पर लाखों का कर्ज हो गया है और अब आर्थिक संकट से जूझ रहे इन बच्चों के सामने खाने आदि की समस्या खड़ी हो गई है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा लगातार भारत सरकार से बच्चों के लिए अनुदान के सम्बंध में पत्राचार करने के बाद भी कोई जवाब और सहायता नहीं मिल पा रही है, जिस कारण अब विजय पब्लिक स्कूल समिति ने बच्चों को साथ लेकर आन्दोलन करने मजबूर हो गए हैं।विद्यालय की प्रबन्धक/प्रधानाचार्य श्रीमती विजयलक्ष्मी बिजल्वाण जोशी का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर, डीएम, विधायक, मुख्यमंत्री, राज्यपाल व केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री तक वे अनुदान राशि भुगतान के लिए कई बार लिखित व मौखिक रूप से गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज तक किसी भी स्तर से कार्यवाही नहीं की गई है,जिससे उन्हें मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा है।शुक्रवार को धरने पर बैठने वालों में दर्जनों दिव्यांग छात्रों सहित श्रीमती विजयलक्ष्मी बिजल्वाण जोशी, सुरेंद्र रावत, वीरेंद्र जोशी,राजमोहन, किताब सिंह, गिरीश, भूपेंद्र आदि शामिल रहे।