जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट/उत्तरकाशी
राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट के वनकर्मियों द्वारा प्रभागीय कार्यालय परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में वन शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया तथा उसके बाद अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट के अंतर्गत 1998 में वनों की आग बुझाते समय अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वनकर्मी चैन सिंह के चित्र पर सभी वनकर्मियों द्वारा पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।वनकर्मी चैन सिंह की 1998 में किसाला बीट में आग बुझाते समय मौत हो गई थी। वन शहीद चैन सिंह की पत्नी श्रीमती योजना देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड सहायक वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री स्वरूप चन्द रमोला ने वन शहीदों के बलिदान पर उपस्थित वनकर्मियों को विस्तार से जानकारी दी,उन्होंने कहा कि वन शहीद दिवस उन वन कर्मियों के बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है जो वनों व वन्यजीवों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे देते हैं। रमोला ने सरकार से वन शहीदों को मिलने वाली मुआवजा धनराशी को बढ़ाने की अपील की।कार्यक्रम में सहायक वन कर्मचारी संघ की स्थानीय शाखा के अध्यक्ष यशपाल पंवार, भगवान सिंह राणा, त्रेपन सिंह राणा,सरदार सिंह,उपेंद्र इन्द्वान,मीरा राणा, सुनीता, ताराचंद, जवाहर लाल, भवान सिंह रावत, बलदेव सिंह चौहान, दीपेंद्र सिंह सहित कई वनकर्मी उपस्थित रहे।