यमुनोत्री express ब्यूरो
कोटद्वार/पौड़ी
शिक्षक दिवस के अवसर पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्थान समिति द्वारा कोटद्वार में नगर निगम टाउन हॉल में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना अहम योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया।
इस दौरान विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। वहीं आयोजन समिति द्वारा विगत दिनों कनाडा में संपन्न हुए राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा देश का प्रतिनिधित्व करने पर उन्हें सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर कई शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गयाद्य खंड विकास अधिकारी अभिषेक शुक्ला को प्रशासनिक कार्यों हेतु, प्रधानाचार्य लखपत राज खुगशाल, प्रधानाचार्य सुषमा दास, प्रोफेसर डॉ तरुण मित्तल, प्रवक्ता अपर्णा रावत, प्रवक्ता अलका बिष्ट, प्रवक्ता मनमोहन चौहान, प्रवक्ता राकेश मोहन ध्यानी, प्रवक्ता महेश कुकरेती, प्रवक्ता राजेंद्र शर्मा को शिक्षा के क्षेत्र में, सत्यपाल सिंह नेगी को समाज सेवा के क्षेत्र में, अनीता बिष्ट को खेल के क्षेत्र में एवं अतुल कोटनाला को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए कहा कि डॉ. राधाकृष्णन एक विद्वान, चिंतक और प्राध्यापक रहे हैं, उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर हम सभी गौरवान्वित महसूस करते हैं। डॉ. राधाकृष्णन ने उच्च नैतिक मूल्यों को अपने जीवन उतारा और अपने छात्रों को भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश और समाज के लिए अच्छा नागरिक तैयार करने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपने गुणों से वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश-प्रदेश का उज्जवल भविष्य गढ़ने की दिशा में सभी शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा पर निर्भर करता है। अगर राष्ट्र की शिक्षा नीति अच्छी है तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकताद्य उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रान्तिकारी परिवर्तन है। यह शिक्षा नीति नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी। यह नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है, जो हर व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की सबसे अहम भूमिका है। बच्चों को सबसे पहले संस्कार माता-पिता से मिलते हैं, उसके बाद उनके व्यक्तित्व निर्माण में पूरी भूमिका शिक्षकों की होती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष शैलेंद्र बिष्ट, खंड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन, सुनील रावत, यशवंत बिष्ट, आर के वर्मा, लता बिष्ट सहित अन्य लोग उपस्थित थे।