सुखद, सुगम निरापद यात्रा के वादे पर लगा सवाल
यमुनोत्री मार्ग के पालिगाड़ से जानकी चट्टी तक चौड़ीकरण का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया
नासूर बन चुका है राना चट्टी के पास रोड़ का 12 मीटर हिस्सा
सुनील थपलियाल उत्त्तरकाशी
आलवेदर परियोजना का काम चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के मकसद से शुरू हुआ था, लेकिन यमुनोत्री धाम के पालिगाड़ से जानकी चट्टी तक चौड़ीकरण का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है। केंद्र के जिम्मेदार अधिकारी उक्त रोड़ के हिस्से को लगातार नजरअंदाज करते रहे। नतीजा ये हुआ कि हजारों की संख्या में पहुँचे तीर्थयात्री व सैकड़ो बसों का भार यमुनोत्री रोड़ सहन नहीं कर पा रही है। भारी वाहनों की आवाजाही से जगह – जगह रोड़ धसाव की स्थिति बनती जा रही है। राना चट्टी के पास रोड़ का 12 मीटर हिस्सा सुधर नही पाया है, यह एक नासूर सा बन गया है। इतना ही नहीं ऑल वेदर चौड़ीकरण परियोजना की निविदा के इंतजार में पालिगाड़ से जानकीचट्टी तक के मोटर मार्ग के हिस्से पर जीर्णोद्धार/रिपेयरिंग के लिए भारत सरकार से कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई जबकि ऑल वेदर रोड़ के निर्माण का प्रचार प्रचार पूरे देश व दुनिया के सम्मुख किया गया। आज हालात ये है कि दो दिन के भीतर यमुनोत्री मार्ग पर एक हजार से अधिक लग्जरी बस के पहुँचने से तीर्थयात्रियों को दिक्कतों से रूबरू होना पड़ रहा है। बड़कोट से आगे बसों को जाने में 3 से 4 दिन के लिए रोक लगा दी गयी है। स्थानीय छोटे वाहनों की मदद से श्रद्धालुओं को जानकीचट्टी तक छुड़वाने की व्यवस्था की जा रही है।
दरअसल ऑलवेदर रोड चौड़ीकरण परियोजना के अंतर्गत धरासू बैंड से पालिगाड़ तक यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ा हो चुका है परंतु पालिगाड़ से फूलचट्टी, जानकीचट्टी तक मोटर मार्ग अभी भी संकरा है। इस हिस्से की रिपेयरिंग के लिए भी विभाग द्वारा जहमत नहीं उठायी गई। हालात ये है कि अभी बरसात भी शुरू नहीं हुई, उससे पहले ही यमुनोत्री मोटर मार्ग की अत्यधिक वाहनों को झेलने की क्षमता का खुलासा राना चट्टी के पास हुई रोड़ धसने से हो गया। यात्रा का आगाज होने के बाद देश दुनिया के हजारों श्रद्धालुओं ने उत्तराखंड का रुख कर दिया लेकिन रोड़ के जीर्णोद्धार को लेकर एक पत्थर तक नया नहीं रखा गया।
दिल्ली से आये श्रदालु मनीष सिंह, सौरभ कुमार, अवधेश सिंह कहते हैं कि बुधवार से एक बस में 40 यात्रियों के साथ आये हुए हैं। रोड़ अवरुद्ध होने की सूचना पर हमारी बस को आधे रास्ते मे रोक दिया गया। एक बार मोटर मार्ग खुलने की सूचना मिली तो हम लोग बड़कोट से सुबह यमुनोत्री को निकले पर पालिगाड़ के आगे जाम में इस उम्मीद में फंसे रहे कि बस जानकीचट्टी पहुँच जायेगी। सुबह 11 बजे ये कह दिया गया कि बसें नही जा पायेगी, छोटे वाहनों से आगे भेजा जायेगा। यात्रा मार्ग पर तीन दिन से 40 किमी का रास्ता तय नहीं हो पाया। सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्ग के साइट
इंचार्ज सहायक अभियंता धीरज कुमार गुप्ता ने बताया कि वुधवार को बारिश के बाद राना चट्टी के पास लगभग 12 मीटर रोड़ का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, और डैमेज रोड़ से सटा हार्डरॉक होने की बजह से 24 घण्टे की भीतर पहाड़ कटान कर बसों की आवाजाही के लिए रोड़ बनाई थी लेकिन क्षमता से अधिक बसों के आने से शुक्रवार को भी रोड़ धस गयी। उसके बाद फिर से बसों को रोक दिया गया। अब बीच बीच मे पहाड़ कटान के साथ बाहर की ओर रोड़ की एप्रोच बनाने का प्रयास किया जायेगा। छोटे वाहनों की आवाजाही जारी है।
उपजिलाधिकारी शालनी नेगी ने बताया कि राना चट्टी के पास बड़ा डेंजर जॉन बन गया है , एन एच विभाग द्वारा पहाड़ कटान व एप्रोच तैयार करने में 3 से 4 दिन लग जाएंगे इस लिए बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। श्रदालु छोटे वाहनों की मदद से यमुनोत्री जा सकते है इस व्यवस्था के लिए ए आर टी ओ उत्त्तरकाशी को कहा गया है।
सवाल यह है कि सरकार के सुगम, सुखद और् निरापद यात्रा का वादा क्या कागजों पर लिखने के लिये है?
टीम यमुनोत्री Express