उत्तरकाशी ।
बड़कोट तहसील अंतर्गत नकोड़ा कपोला गांव के ग्रामीण आजादी से आज तक पैदल चलने को मजबूर है, सड़क मार्ग व चिकित्सा सुविधा न होने के चलते एक वृद्धा को अपनी जान गवानी पड़ी इतना ही नही बीते साल भी एक व्यक्ति को सड़क व चिकित्सा व्यवस्था न मिलने से अपनी जान गवानी पड़ी थी। इधर शासन प्रशासन की बेरुखी के चलते दोनों गांव के ग्रामीणों में आक्रोशित है और आगामी विधान सभा में मतदान का ग्रामीणों ने बहिष्कार चेतावनी दी है
रविवार को नाकोड़ा गांव निवासी बिजेन्द्री देवी आचानक घरेलू काम करते हुए चोटिल हो गई जिसके बाद उन्हें बड़कोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाना था लेकिन गांव से मुख्य सड़क तक लाने में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
ग्रामीण संजय , नरेश रावत, शैलेन्द्र आदि ने सरकार और स्थानीय प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि गांव को मोटर मार्ग से जोड़ दिया जाता तो उक्त ग्रामीण को अपनी जान नही गवानी पड़ती । आज तक मुख्य मोटर मार्ग से गांव तक कोई भी सड़क निर्माण नही किया गया । यदि समय से महिला को स्वास्थ्य सुविधा मिल जाती तो उनकी जान बचाई जा सकती थी ।
नकोड़ा कपोला गांव की मुख्य मार्ग से दूरी 7 किलोमीटर है जिसे पैदल ही जाना होता है जहा पूरी विधानसभा में सड़कों के जाल बिछ चुके है वही इन दो गांव में सड़क न होने से ग्रामीण खासे नाराज है ग्रामीणों ने आगामी विधान सभा चुनाव बहिष्कार की घोषणा भी कर दी है ।
संजय रावत ने बताया कि 2019 में जगत सिंह रावत की चोट लगने पर समय से चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण उन्होंने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया । ग्रामीण आज भी सरकार सेे मोटर मार्ग निर्माण की मांग करते आ रहे है।
टीम यमुनोत्री Express