आपातकाल की बरसी पर उपपा ने मनाया लोकतंत्र बचाओ खेती बचाओ आंदोलन
अल्मोड़ा
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने आज लोकतंत्र बचाओ, खेती बचाओ की मांग को लेकर गांधी पार्क अल्मोड़ा में प्रातः 11 बजे से धरना प्रदर्शन किया। धरने का आरंभ जनगीत व नारों के साथ किया गया। धरने में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि आज ही के दिन 1975 को इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में घोषित आपातकाल लगाया था तथा देश में अभी अघोषित आपातकाल लगाया जा रहा है जो अधिक ख़तरनाक है। उन्होंने कहा कि सात महीनों से देश के किसान काले कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके हितों की रक्षा करने के बजाय पूंजीपतियों के इशारों पर चलकर किसानों, श्रमिकों व मज़दूरों का दमन कर रही है। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी सरकार के लिए अवसर बन चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की खेती, जल जंगल ज़मीन पर आज संकट है जिसकी रक्षा के लिए हमें संगठित होकर संघर्ष करना होगा। उपपा की केंद्रीय सचिव श्रीमती आनंदी वर्मा ने कहा कि सरकार ने जनविरोधी कृषि कानून लाकर लोकतंत्र को ख़तरे में डाल दिया है। जन हितैषी होने के दावा करने वाली सरकार अन्नदाताओं की मांगों को अनसुना कर रही है वो किसानों को ही दोषी बताकर दमन व शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में लोगों के रोज़गार छीन लिए गए हैं जिस कारण जनता त्रस्त है ऐसे में सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करते हुए बिजली, पानी का बिल माफ करना चाहिए। सोमेश्वर प्रभारी किरन आर्या ने कहा कि सरकार को युवाओं को रोज़गार प्रदान करने की व्यवस्था करनी चाहिए व शिक्षा, स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेरोज़गारी चरम पर है और ऐसे निजी विद्यालय मनमाने तरीके से शुल्क वसूल रहे हैं जिसके ख़िलाफ़ सख्ती की आवश्यकता है। भगवती प्रसाद ने कहा कि वर्तमान स्थितियां भयावह हो चुकी हैं। जनता के समक्ष रोज़ी, रोटी, जीवन मरण का सवाल है जिसके लिए सरकारें गंभीर नहीं हैं।
धरने में उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे ने कहा कि छात्रों व युवाओं के समक्ष गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती जा रही हैं। उन्होंने शिक्षा के निजीकरण का विरोध करते हुए सरकारी शिक्षण संस्थानों की बेहतरी की मांग की। बैठक का संचालन कर रहे एड. नारायण राम ने कहा कि उत्तराखंड से पूंजीपतियों द्वारा संचालित पार्टियों की सरकारों को उखाड़ फेंकना होगा ताकि जल जंगल ज़मीन व उत्तराखंडी अस्मिता की रक्षा की जा सके।
मुहम्मद वसीम ने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही आदिवासियों, महिलाओं, मज़दूरों, कृषकों के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाई है जिसका हम विरोध करते हैं।
बैठक में जगदीश चन्द्र पाण्डेय, आशुतोष आर्या, नीरज टम्टा, हीरा देवी, हेमा पांडे, योगेश सिंह बिष्ट, धीरेन्द्र मोहन पंत, लीला आर्या, भावना मनकोटी, राजू गिरी, गोपाल राम, देव लाल, कौस्तुभानंद भट्ट, ममता देवी, सरिता मेहरा, मीना देवी समेत अनेक लोग शामिल रहे।
टीम यमुनोत्री एक्सप्रेस