सुनील थपलियाल उत्तरकाशी ।
स्वेच्छिक चकबन्दी के प्रणेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्व.राजेंद्र सिंह रावत की 15 वी पुण्यतिथि के अवसर पर ग्राम नारायणपूरी स्मारक स्थल पर फूल मालाओं के साथ श्रदांजलि देते हुए याद किया गया,साथ ही गोष्टी आयोजित कर स्व.रावत के पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया गया।
कहते है कि कुछ लोग ज़मीन पर राज करते हैं और कु्छ लोग दिलों पर। मरहूम राजेन्द्र सिंह रावत एक ऐसी शख़्सियत थे, जिन्होंने ज़मीन पर ही नहीं, बल्कि दिलों पर भी हुकूमत की। वे भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में आज भी ज़िंदा हैं।
राजेन्द्र सिंह रावत का जन्म 6 जून 1952 को और निधन 25 मई 2006 को हुआ था
समाजसेवी एवं धैर्यवान व्यक्तित्व के धनी स्व. रावत ने उत्तराखंड में स्वेच्छिक चकबन्दी का सपना देखा था जिसकी शुरुआत उन्होंने अपने गाँव व क्षेत्र से की थी
उत्तराखंड में स्व. रावत के महत्वपूर्ण योगदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। उत्तरकाशी जिला पंचायत में ईमानदारी की मिशाल व विकास कार्यो को आज भी माना व देखा जाता है, उनकी पुण्यतिथि 25 मई को ‘स्वेच्छिक चकबन्दी दिवस’ के रूप में मनाये जाने की यमुनाघाटी के लोगो ने सरकार से मांग की है।
स्वभाव से गंभीर लेकिन आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले स्व. राजेन्द्र सिंह रावत की 15वी पुण्यतिथि पर विचार गोष्टी भी आयोजित की गई , इसमें स्व.रावत के कार्यों व उनके विचारों को अपने जीवन मे उतारने का संकल्प भी लिया गया। गोष्टी में ग्राम प्रधान नितिन रावत, पूर्व प्रधान गजेंद्र सिंह रावत,जगवीर पंवार,श्रीमती भजनी रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य अरविंद रावत,आदित्य रावत, चित्रमोहन रावत,पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय पंवार,खजान असवाल ,राकेश रावत,चन्द्र सिंह,रणवीर राणा,जयवीर राणा,वीरेंद्र राणा, प्रवेश रावत,भरत सिंह,सीमा चौहान,पुष्पा रमोला,संगीता रावत, अक्षत रावत, नैना रावत,मयंक ,प्रधुम्न, रोहित,प्रह्लाद आदि मौजूद थे ।
टीम यमुनोत्री टीम