सुरेश चंद रमोला
ब्रह्मखाल/उत्तरकाशी
घर से लापता चार मासुमो को सर्बिलांस के जरिए आधी रात में खोज निकाला।
उम्र का ऐसा पड़ाव जब बच्चों को अच्छे बुरे की जानकारी तक न हो और घर से नौकरी करने के लिए भाग जाय तो यह नादानी नहीं तो और क्या है।
जी हां यही सत्य है। ब्रह्मखाल के पास स्यालना गांव के चार बच्चे करण, समीर ,आलोक और अंकित जिनकी उम्र बमुश्किल ग्यारह साल की रही होगी वे 22 फरवरी की सुबह बिना घर पर बताये नौकरी करने के लिए घर से फरार हो गये। देर सायं तक जब बच्चे घर नहीं आये तो खोज बीन शुरू हुई उनका कोई अता पता न लगने पर पुलिस चौकी गेंवला की मदद ली गई। चौकी गेंवला के स्टाफ ने मामले को संज्ञान में लिया और बच्चों की खोजबीन शुरू की पता चला कि एक बच्चे अंकित ने अपने पिता का फोन साथ ले जा रखा है फोन बंद होने पर एसओजी उत्तरकाशी की सहायता से फोन की सर्बिलांस जांच हुई तो डिटेल में लोकेशन 25 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ की मिली। पुलिस ने सघन चैकिंग अभियान चला कर रात 12 बजे चारों नाबालिगों को नागणी चिन्यालीसौड़ में घूमते हुए पकड़ लिया। पुलिस पूछताछ पर बच्चों ने बताया कि वह नौकरी के लिए देहरादून जा रहे हैं । बच्चों के मन में इस प्रकार की भावना का प्रकट होना कोरोनाकाल की बोरियत और विद्यालयों के बंद होने से भी जोड़ा जा सकता है क्योंकि बच्चों को जो संस्कार और अनुशासन स्कूलो से मिलते हैं उससे उनके मन में इस प्रकार की भावनाये प्रकट नहीं होती।
पुलिस की त्वरित कार्यवाही पर स्थानीय लोगो ने पुलिस टीम की प्रशंसा करते हुए बधाई दी है।
टीम यमुनोत्री Express