उत्तरकाशी (सुनील थपलियाल)।
कलयुग में चिकित्सक को धरती के ईश्वर के रूप में माना जाता है और फिर एक जिम्मेदारी के साथ कई जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने वाला व्यक्ति हमेशा समाज के दिलों में राज करता है। हालांकि ऐसे लोग बिरले होते हैं, लेकिन बेशक उनकी संख्या अंगुलियों पर गिनी जाती हो, वे कई पीढ़ियों तक याद किए जाते हैं। जाहिर है इसी खूबी के कारण उन्हें धरती का भगवान कहा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तरकाशी जिले के डिप्टी सीएमओ डॉ. आर.सी.आर्य की, जो अपने पद के अनुरूप विभागीय बैठकों व संबंधित कार्यों को अंजाम देते ही हैं, साथ ही इससे इतर समय निकाल कर मरीजों के उपचार में इस कदर जुट जाते हैं कि अपने लिए समय निकालना भूल जाते हैं। इस पिछड़े जिले में बीमार लोगों की सेवा को उन्होंने एक तरह से अपना उद्देश्य सा बना लिया है। स्थिति यह है कि अवकाश होने के बाद भी क्षेत्र के दूरदराज के गाँव से फोन कर अल्ट्रासाउंड करवाने वाली महिलाओं की उनके पास भारी भीड़ रहती है। वे इस उम्मीद में आती हैं कि अगर डाक्टर साहब मौजूद होंगे तो उनके लिए समय निकाल ही लेंगे।
आपको बताते चलें कि अब भले ही महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती हो गयी हो, उनसे पहले डॉ. आर्य जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों से वार्ता कर उन्हें उपचार उपलब्ध करवाने में देवदूत सिद्ध होते रहे हैं। पुरोला में महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के आने से अल्ट्रासाउंड करवाने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा होने लगा है।
डॉ. आर्य सामुदायिक चिकित्सा केंद्र पुरोला के अलावा दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को नौगाँव सीएचसी में अल्ट्रासाउंड करने आते हैं।
पिछले समय नौगाँव से शुक्रवार के लिए 45 महिलाओं का पंजीकरण कर अल्ट्रासाउंड किये जाने का समय नियत था। अवकाश होने के बावजूद डॉ. आर्य ने नौगाँव पहुँचकर सभी का अल्ट्रासाउंड कर उन्हें बेहतर सलाह देते हुए संतुष्ट किया। कहते हैं कि इंसान की अपने कर्तव्य के प्रति सेवा करने की इच्छाशक्ति हो तो कोई भी दिन व समय उसके आड़े नहीं आ सकता। उसको सिर्फ और सिर्फ सेवा भाव नजर आयेगा।
डॉ. आर्य आज रवांई घाटी में कई जिम्मेदारी के बाबजूद अपने कर्तव्य को बखूबी निभाने के लिए नजीर बन गए हैं जिसकी तीनो ब्लॉकों के ग्रामीण प्रशंसा कर रहे हैं।
आपको बताते चले कि विकासखण्ड नौगाँव, पुरोला और मोरी में अल्ट्रासाउंड मशीन की व्यवस्था न मिलने से ग्रामीणों को विकासनगर या देहरादून जाना पड़ता था, जब से पुरोला और नौगाँव सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन आयी है तब से ग्रामीणों की दौड़ कम हो गयी। चिकित्सक भी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखकर मरीज का बेहतरी से इलाज कर पा रहे हैं।
डॉ. आर.सी. आर्य रात हो या दिन, अपनी सेवा में जुटे हैं। मरीज को बेहतर उपचार दिलवाना उनका पहला लक्ष्य है। विभाग द्वारा जो भी जिम्मेदारी उनको दी जा रही है, उसका वह बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। यह संतोष उनके पास पूंजी के रूप में है।
टीम यमुनोत्री Express