बड़़कोट /अरविन्द थपलियाल।बड़कोट ब्यापार मण्डल द्वारा आयोजित
वायु पुराण एवं गरुड़ पुराण पारायण कथा के चतुर्थ दिवस में कथा वक्ता पूजा संत लबदास जी महाराज ने वायु पुराण का विस्तार करते हुए बताया कि इस पुराण में शिव उपासना चर्चा अधिक होने के कारण इस को शिवपुराण का दूसरा अंग माना जाता है, फिर भी इसमें वैष्णव मत पर विस्तृत प्रतिपादन मिलता है। इसमें खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखाएं, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, आदि का सविस्तार निरूपण किया गया है।इस पुराण में इसमें ११२ अध्याय एवं ११,००० श्लोक हैं। विद्वान लोग ‘वायु पुराण’ को स्वतन्त्र पुराण न मानकर ‘शिव पुराण’ और ‘ब्रह्माण्ड पुराण’ का ही अंग मानते हैं। परन्तु ‘नारद पुराण’ में जिन अठारह पुराणों की सूची दी गई हैं, उनमें ‘वायु पुराण’ को स्वतन्त्र पुराण माना गया है।
भगवान बौखनाग देव , देवी अठाशिनि , समेश्वर देवता पुरोला और देवी भठाशिनि कन्सेरु,।नाग देवता कुपडा,राजारघु नाथ,बनाल,राजारघु नाथ कोटी,समेस्वर महाराज खरसाली, आदि देवडोलियो के दर्शन किये ।इस मौके पर व् आचार्य मुंशीराम ,हरिशरण उनियाल,दिनेश डोभाल,वृंदा प्रसाद ,बृजेश नौटियाल,केशव डिमरी,गीताराम जबकी ओयोजक मण्डल में ब्यापार मण्डल अध्यक्ष धनबीर रावत ,महामंत्री सोहन गैरोला ,कोषाध्यक्ष,सुनील मनवाल, उपाध्यक्ष प्रदीप असवाल,मनोज अग्रवाल,दिनेश चौहान,प्रकाश राणा,मनजीत उनियाल,महादेव उनियाल,नीरज रावत, राघवानन्द बहुगुणा, राजाराम जगूड़ी,सरपंच अजय रावत , मदन पैन्यूली, मोहित थपलियाल,सुभाष रावत ,सुरेंद्र रावत,बालक दास महाराज, कपिल सेमवाल, मनोज घनसोल,सौरव चमोली,अजय जुयाल,रोहित नवानी,रोहित शास्त्री, सहित सैकड़ो कि संख्या में श्रद्धालु ने कथा श्रवण करने पहुंचे ।