उत्तरकाशी/ अरविन्द थपलियाल।जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए वन विभाग को आपदा प्रबंधन की मद से बीस लाख रूपये की धनराशि आवंटित करते हुए वनाग्नि नियंत्रण के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलजुल कर कारगर कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं।
वनों की आग पर नियंत्रण पाने के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था हेतु आपदा प्रबंधन की मद से जिले के उत्तरकाशी, अपर यमुना व टौंस वन प्रभाग तथा गोविन्द वन्य जीव विहार के लिए बीस लाख रूपये की धनराशि का आवंटन जारी करने के साथ ही जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर वनाग्नि की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की। जिलाधिकारी ने कहा कि आग लगने की घटनाओं पर निरंतर कड़ी नजर रखी जाय और घटना की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि गत दिन महीडांडा, साल्ड एवं बसुंगा के वन क्षेत्रों में लगी आग को नियंत्रित करने में वन विभाग, फायर सर्विस, आपदा प्रबंधन क्यूआरटी के दस्तों ने जिस तरह का समन्वय व मुस्तैदी दिखाई है, उसी तरह की प्रतिक्रिया व प्रतिबद्धता निरंतर जारी रखी जाय। वन विभाग के अधिकारियों से वनाग्नि नियंत्रण की कार्रवाईयों के दौरान मौके पर उपस्थित रहकर इस काम में जी-जान से जुटे कार्मिकों का मनोबल बढान में जुटना होगा। उन्होंने कहा कि इस काम में वन विभाग को संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी और पुलिस, फायर सर्विस, आपदा प्रबंधन से जुड़े विभाग इस काम में तत्परता से सहयोग करेंगे।
जिलाधिकारी ने वनों में आग लगाने के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए आम लोगों से भी वनाग्नि को रोकने में सहयोग देकर बहुमूल्य वन संपदा व जैव विविधता को बचाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया है।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी अपर यमुना वन प्रभाग रविन्द्र पुंडीर, एसडीओ उत्तरकाशी वन प्रभाग मयंक गर्ग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।