जयप्रकाश बहुगुणा
सिलक्यारा/उत्तरकाशी
जोखिम और जीवट की जद्दोजहद के बीच सुरंग में फंसी जिंदगियों को बचाने की मुहिम के अगुआ पॉंच मोर्चों पर बचाव अभियान शुरू करने के बाद देर सायं सिलक्यारा के नजदीकी ब्रह्मखाल कस्बे से पहले महरगांव के एकांत में पंडित ढाबेे में जुटे। सिलक्यारा की बैठक में सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए तय बचाव अभियान की बारीकियों पर उच्चस्तरीय विचार-विमर्श का मुकाम अंततः महरगावं का ढाबा बना। पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला तथा भू-अभियांत्रिकी विशेषज्ञ वरूण अधिकारी सिलक्यारा से लौटने के बाद बिना किसी फौज-फटाके के चुपचाप महरगांव में पंडित बृजमोहन के ढाबे में बैठे। चाय ऑर्डर की, रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियोें और प्रतिबद्धताओं पर चर्चा की। पहाड़ सी चुनौतियों को पहाड़ से हौंसले के साथ जीतने का जूनून इस ‘चाय पर चर्चा‘ में भी दिखा। तय हुआ कि यह रेस्क्यू अभियान कामयाबी से पूरा करेंगे और पहाड़ के किसी ऐसे ही छोटे ढाबे में बैठ फिर ‘चा‘ पार्टी कर जीत का जश्न मनाएंगे। इस हाईलेवल बैठक से अनजान ढाबे के संचालक बृजमोहन ठेठ पहाड़ी अंदाज में ‘उच्छी और‘ ( गढ़वाली में – थोड़ा और) चाय की पेशकश करते रहे और अंततः दो दौर की चाय सर्व करने के बाद उन्होंने कहा कि ‘साब‘ आप भले ‘मनखी‘ (गढ़वाली में – मनुष्य) हैं, -‘यखी रा‘ ( गढ़वाली में – यहीं रहो), । उन्होंने आईएएस मंगेश घिल्डियाल और डीएम अभिषेक रूहेला को पहचानते हुए बोले आप दोनों तो शक्लो-सूरत से एक जैसे नजर आते हैं। इस बीच पेंमेंट लेने पर बृजमोहन ने आनाकानी की तो सेवानिवृत्त आईएएस भास्कर खुल्बे ने बिल पेमेंट करतें हुए कहा कि दाज्यू भुला मेहनत अैार हसरत अनमोल है, यह भुगतान आपके श्रम का मोल है। उन्होंने कहा कि जब सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर बाहर आएंगे तो जश्न ऐसे ही किसी गुमनाम जगह पर ‘चा‘ की चुस्कियों के साथ मनाया जाएगा!