बड़कोट/उत्त्तरकाशी
‘‘यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी जिन्दगी
हादसा ये भी कम नही कि हमें मौत न मिली‘‘
ये पंक्तियां क्षेत्र के निकटवर्ती ग्राम कुणिन्डा के सेवानिवृत्त फौजी दर्मियान सिंह पर सटीक बैठती है। कि उनकी पत्नी ने सेवानिवृत्ति के कुछ समय बाद अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर 23 मार्च 2022 को दर्मियान को जबरन देहरादून के नशामुक्ति केन्द्र में ये कह कर भर्ती करवा दिया कि वह नशा करता है और आये दिन उसके साथ मारपीट करता है। यहां तक तो ठीक था परन्तु नशा मुक्ति केन्द्र में उसके साथ हुई बर्बरता और उत्पीड़न की दास्ता जब दर्मियान सिंह बया करता है तो उसके आंखो से सिर्फ और सिर्फ आंसू ही बहते हैं। अपने एक पत्र में दर्मियान लिखते है कि मेरी पत्नी धोखे से अपहरण करके मुझे नशामुक्ति केन्द्र में डाल कर साबित करना चाहती थी कि मैं शराबी हूं, ताकी उस पर कोई आरोप न आये । दर्मियान सिंह बताते हैं कि मन्शा थी नशेड़ी साबित कर नशामुक्ति केन्द्र के अन्दर दवाईया और जान से मारने के इंजेक्शन लगवाकर मौत के घाट उतारना , जिससे मेरी सम्पत्ति उसकी हो जाए। खैर नशा मुक्ति केंद्र में दिए जाने वाले इंजेक्शन से मेरा शरीर दिन प्रतिदिन सूखता चला गया। नतीजतन कमजोर होने के कारण खड़े होने की हिम्मत तक नही रही , बकौल पूर्व फौजी, वह हिम्मत हारने के बाद मौत को बहुत नजदीक से देखने लगा। पत्नी ने दस माह तक देहरादून और मेरठ के तीन नशामुक्ति केन्द्रों में उसे जबरन रखा जहां बड़ी प्रताड़ना मिलती रही। पत्नी रीना ने नशा केन्द्र से बाहर निकालने की एक शर्त तक रखी कि पहले देहरादून का मकान और जमीन उसके नाम कर दे, उसके बाद उसे बाहर निकलवा देगी , “मरता क्या न करता” आखिरकार नशामुक्ति केन्द्र से ही उसे विकासनगर रजिस्ट्री करवाने लाया गया जहां नशे के इंजेक्शन लगवा कर उमसे सारा कुछ छीन लिया गया। उसके सर्विस के दस्तावेज , एटीएम कार्ड, पास बुक, जरूरी दस्तावेज सब कुछ छिपा दिया गया।
वह अपना दुखड़ा बताते हुए कहता है कि नशामुक्ति केंद्र में उत्पीड़न लगातार बढ़ रहा था, मेरी हालत दिन प्रतिदिन खराब हो रही थी, ऐसा नही कि उम्मीद खोने के बाद वहां मुझे अच्छे लोग नही मिले, वहां पर बड़कोट और हिमाचल के दो साथी मिले जिन्होने मेरी मदद की। एक हिमाचल के साथी ने मेरी बहिन के घर पहुंचकर पूरी आपबीती बताई। उसके बाद मेरी माॅ और मेरे भाई मेरी खोज में निकल पड़े । मेरी माता जी ने पत्नी रीना के पैर तक पकड़े कि मेरे बेटेे को एक बार मिला दे लेकिन पत्नी रीना ने नही मिलवाया। पुलिस के पास गये। वहां से भी मदद नही मिली, क्योंकि नशामुक्ति केन्द्र पर जो भर्ती कराता है, उसी को मिलने दिया जाता है, अन्य को नहीं। ।गाँव में माॅ के रो रो कर बुरे हाल थे, तो मेरे भाईयों ने हिम्मत नही हारी । उन्होने बड़कोट पीएलवी समाजसेवी सुनील थपलियाल से सम्पर्क किया, जिन्होने मुख्यमन्त्री कार्यालय सहित युवा नेता गोपाल डोभाल गोलू को सारी जानकारी दी । उसके बाद 16 जनवरी 2023 को सीएम कार्यालय से नशामुक्ति केन्द्र के निकटतम पुलिस कोतवाली को इसमें कार्यवाही के लिए कहा गया। बड़ा हंगामा हुआ , डीएवी कालेज के कुछ छात्र गोपाल डोभाल के साथ वहां गये, उसके बाद नशा मुक्ति केन्द्र वाले ने पुलिस के समक्ष मुझे भाईयों के सुपुर्द किया। कहानी यही समाप्त नही हुई फौजी को उसके भाई गांव ले आये। वहां पर महज घरेलु उपचार के साथ छः महिने में वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया। आज स्वस्थ होने के बाद पूर्व फौजी बोलने की हिम्मत कर पा रहा है।
दर्मियान का कहना है कि आर्मी ईएमई युनिट में देश की सेवा के दौरान कई सघर्ष रहे, देश के लिए मर – मिटने का आज भी जज्बा रखता है परन्तु अपने ही परिवार के बीच पत्नी द्वारा कुछ बाहरी लोगों के साथ उसे मारने की साजिश को स्मरण कर बरबस रोना आ जाता है। उन्होने बताया कि धोखे से मेरी सम्पत्ति हड़पने के मामले में विकासनगर मा. न्यायालय मेें कार्यवाही गतिमान है। अभी विकासनगर 26 जुलाई को न्यायालय में पेश होने गया। कोर्ट परिसर से बाहर आया तो मेरी पत्नी ने नशामुक्ति केन्द्र के छह लोगों से उसे जबरन वाहन मेें डालने का प्रयास किया । उसके साथ मारपीट की गयी। उनकी दबंगई का आलम यह था कि तत्काल उनसे फोन छीन कर बाहर फेंक दिया गया। उसके बाद एक आदमी ने हर्बटपुर पुलिस चौकी को जानकारी दी गयी और पुलिस द्वारा सभी को चौकी लाया गया, वहां पर फौजी के भाईयों ने हस्तक्षेप करते हुए किसी तरह उसे उसकी पत्नी के चुंगल से छुड़वाया। पहली बार पुलिस की इस मामले में बड़ी मदद मिली। फौजी दर्मियान का आरोप है कि पत्नी रीना उसकी हत्या करवाने की मंशा से आज भी उसका पीछा कर रही है , इस कारण हर पल उसकी जान को खतरा है। लिहाजा उसे उसकी पत्नी से बचाया जाय।
जबकि दर्मियान की पत्नी रीना ने दूरभाष पर बताया कि मेरा पति नशे की हालत आये दिन मेरे व बच्चों से मारपीट करता था,जिसके बाद उसे नशा केंद्र भर्ती करवाना पड़ा,अब वह अपने भाईयों के पास है, हम चाहते है वह प्यार प्रेम से हमारे साथ रहे । बैंक का लोन भी है बच्चों की पढ़ाई भी अगर वह हमारे साथ नही रहेंगे तो कैसे होगा। हरबर्टपुर की घटना को उन्होंने निराधार बताया।
हरबर्टपुर पुलिस चौकी इंचार्ज पंकज कुमार बताते है कि 26 जुलाई को दोपहर में फौजी दर्मियान को कुछ लोग पत्नी की तहरीर पर नशा केंद्र ले जा रहे थे जिसका फौजी ने विरोध किया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और सभी को चौकी लाया गया । जहाँ पर पीड़ित दर्मियान ने अपने भाईयों के साथ जाने की बात कही तो उन्हें उनके साथ भेज दिया।उन्होंने बताया कि मामले की जांच गतिमान है।
टीम यमुनोत्री Express