देहरादून।अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण खेल संस्थान धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय साहसिक कार्यक्रम शिविर के नौवे दिन उत्तराखंड के स्वयंसेवियों को ट्रिउंड ट्रैक पर ले जाया गया। यह ट्रैक उत्तराखंड के प्रतिभागियों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ, जहां उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य और चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस साहसिक यात्रा में तेलंगाना और हरियाणा के स्वयंसेवियों ने भी भाग लिया l
संस्थान के प्रशिक्षक श्री सोम दत्त ने बताया कि धर्मशाला से लगभग 2,875 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ट्रिउंड ट्रैक हिमालय की गोद में एक आकर्षक और चुनौतीपूर्ण रास्ता है, जो न केवल शारीरिक सहनशक्ति को परखता है बल्कि मानसिक दृढ़ता को भी बढ़ावा देता है। ट्रिउंड का अर्थ होता है ‘तीन रास्तों का मिलन’, जो इस ट्रैक के माध्यम से तीन विभिन्न पहाड़ी मार्गों के संगम को दर्शाता है।
इस ट्रैक को सफलतापूर्वक पूरा करने में संस्थान के प्रशिक्षक श्री बृज, श्री श्याम, श्री केतन और श्रीमती संतोष का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा। उनके नेतृत्व में स्वयंसेवियों ने साहस, संयम और अनुशासन का प्रदर्शन किया l
उत्तराखंड टीम लीडर डॉ. कुंवर सिंह व हिना नौटियाल ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि इस साहसिक शिविर में भाग लेकर स्वयंसेवियों ने न केवल प्राकृतिक वातावरण का अनुभव किया, बल्कि अपने भीतर छिपी संभावनाओं को भी पहचाना।