देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के देहरादून जिले के थानों स्थित लेखक गांव में 23 से 27 अक्टूबर तक अंतर्राष्ट्रीय कला, साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। इस पांच दिवसीय आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में महोत्सव की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें विभिन्न शिक्षाविद, साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
डॉ. निशंक ने बैठक के दौरान बताया कि यह महोत्सव हिंदी भाषा के वैश्विक प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेगा। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई प्रतिष्ठित अतिथि भी इस आयोजन में शिरकत करेंगे।
महोत्सव का उद्घाटन लेखक गांव में विभिन्न प्रदर्शनियों के साथ किया जाएगा, जहां नवोदित हिंदी और स्थानीय भाषाओं के लेखकों की पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। 23 और 24 अक्टूबर को हिंदी और स्थानीय बोली-भाषाओं पर विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें डॉ. निशंक की 12 पुस्तकों के गढ़वाली और कुमाऊंनी संस्करणों का लोकार्पण भी होगा।
25 अक्टूबर को साहित्यिक परिचर्चाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के साहित्यकार भाग लेंगे। नाट्यशास्त्र और उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला पर भी चर्चा होगी।
26 अक्टूबर को पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण योग, आध्यत्म और संगीत के स्वास्थ्य पर प्रभावों पर विचार रखेंगे। इस दिन साहित्य अकादमी द्वारा भारतीय भाषाओं और हिंदी पर भी परिचर्चा होगी। साथ ही एफ.आर.आई, वाडिया इंस्टीट्यूट और यूकास्ट के विशेषज्ञ हिमालयी क्षेत्रों पर आधारित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
महोत्सव का समापन 27 अक्टूबर को उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘धरती का स्वर्ग उत्तराखंड’ विषय पर विशेष चर्चा के साथ होगा, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि महोत्सव में 65 देशों के प्रवासी साहित्यकार शामिल होंगे और 60 साहित्यकार ऑनलाइन माध्यम से जुड़ेंगे। इस महोत्सव में 40 से 50 विदेशी छात्र भी भाग लेंगे, जो हिंदी भाषा के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपने-अपने देशों में हिंदी का प्रचार-प्रसार करेंगे।
महोत्सव के सफल आयोजन के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि यह आयोजन हिंदी भाषा और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित कर सके।इस दौरान पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ सविता मोहन, डॉ के०एल० तलवाड़, डॉ बीना बैंजवाल, डॉ सुशील उपाध्याय, बैचेन कंडियाल,बालकृष्ण चमोली,डॉ सुप्रिया रतूड़ी पूजा पोखरियाल, अमित पोखरियाल,आशना नेगी आदि उपस्थित थे।