उत्तरकाशी/ अरविन्द थपलियाल।जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने विभागों को जिला योजना के अंतर्गत बुनियादी सुविधाओं के सुदृढीकरण व सामाजिक-आर्थिक विकास के क्षेत्र में नई व बेहतर संभावनाओं से जुड़े प्रस्तावों को प्रमुखता देने के साथ ही विभागीय प्राथमिकताओं का पूरा ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की योजनाओं को भी जिला योजना में प्रस्तावित किया जाय और विकास कार्यों के सत्यापन व गुणवत्ता की निगरानी के लिए थर्ड पार्टी का प्राविधान किया जाय।
जिला योजना के प्रस्तावों पर विचार-विमर्श एवं गत वित्तीय वर्ष की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए जिला मुख्यालय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले वर्ष के गतिमान कार्यों की कार्यदायी संस्था अविलंब पूरा करें और संबंधित विभाग के अधिकारी इनकी मौके पर जाकर सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य की योजनाओं पर प्राथमिकता से काम किया जाना जरूरी है। उन्होंने दूरस्थ विद्यालयों को सुविधा संपन्न व सुदृढ बनाए जाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताते हुए कहा कि अधिकारी खुद मौके पर जाकर विद्यालयों की मौजूदा स्थिति की पड़ताल करके कार्यों की प्राथमिकता तय करें। जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल उत्तरकाशी में प्रस्तावित क्रिटिकल केअर ब्लॉक में एमआरआई का भी प्राविधान किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में चिकित्सकों के लिए अतिरिक्त आवास हेतु भी प्रस्ताव रखा जाय। जिलाधिकारी ने पूल्ड आवास योजना के तहत अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवास बनाए जाने हेतु भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा। पर्यटन व सेवा क्षेत्र में विद्यमान व्यापक संभावनाओं से जिले को अधिकाधिक लाभ पहॅुचाने के लिए जिलाधिकारी ने योजनाएं बनाए जाने एवं स्थानीय लोगों को प्रोत्साहन देने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
जिलाधिकारी ने पेयजल योजनाओं की समीक्षा करते हुए टयूबवैल व टैंकर्स के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के साथ ही चारधाम यात्रा को देखते हुए गंगोत्री धाम में पर्याप्त क्षमता का ओवर हेड टैंक क निर्माण करने सहित यात्रा पड़ावों पर जलापूर्ति की मुकम्मल व्यवस्था हेतु भी प्रस्ताव तैयार करने की हिदायत दी। जिलाधिकारी ने सिंचाई एवं लघु डाल खंड भी अपने ट्यूबवैल व पंपिंग योजनाओं के माध्यम से पेयजल संकट प्रभावित क्षेत्रों में जल संस्थान को पानी की आपूर्ति करने के निर्देश देते हुए कहा कि पेयजल संकट से निपटने की योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय। जिलाधिकारी ने नहरों व गूलों के क्षतिग्रस्त होने की दशा में खेतों की सिंचाई के लिए पाईप के माध्यम से पानी पहॅुचाने की व्यवस्था हेतु भी संबंधित विभागों को निर्देशित किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने जिला योजना के प्रस्तावों पर चर्चा करने के साथ ही अधिकारियों को सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत गांवों में जाकर चौपाल लगाने व रात्रि प्रवास करने की हिदायत दी।
इस अवसर पर आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, उप जिलाधिकारी भटवाड़ी बृजेश कुमार तिवारी, उप जिलाधिकारी डुंडा नवाजिश खलीक, सीएमओ डॉ बीएस रावत, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र उनियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी चेतना अरोड़ा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी केके जोशी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर जोशी, अधिशासी अभियंता रजनीश सैनी (लोनिवि), एलसी रमोला (जल संस्थान), केएस चौहान (सिंचाई), भरत राम (लघु सिंचाई) सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। उप जिलाधिकारी पुरोला देवानंद शर्मा सहित यमुना घाटी क्षेत्र के अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में प्रतिभाग किया।