ब्रह्मखाल/सुरेश चंद रमोला।केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना आलवैदर ड्रीम प्रोजेक्ट सुगम यात्रा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है मगर कार्यदाई संस्थाओं और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के जिम्मेदार महकमे ने इस योजना का मज़ाक़ बना कर रख दिया। मामला यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के धरासू से सिलक्यारा सड़क चौड़ीकरण का है। यहां रानी कन्सन्ट्रेशन कंपनी को मात्र सोलह किलोमीटर राजमार्ग औलवैदर मानकों के तहत चौड़ीकरण के लिए कान्ट्रेक्ट पर दिया गया था मगर कार्यदाई संस्था की कछुवा चाल इस परियोजना की साख पर पलीता लगा रही है। एक छोटी सी दूरी के इस कान्टैक्ट को एन एच हर साल तारीख पर तारीख – तारीख पर तारीख दे रही है मगर छः साल के बाद भी अभी काफी काम शेष है। जिला प्रशासन सुगम यात्रा के दावे तो करता है मगर वै दावे हवा हवाई सिद्ध होते हैं। धरासू से यमुनोत्री राजमार्ग र अभी भी चौड़ीकरण का काफी काम शेष है। कहीं अभी भी कटिंग शेष है तो कई जगह पर आपदा का मलबा पसरा पड़ा है । जगह जगह डामरीकरण और पेंटिंग का काम अभी भी नहीं हुआ है और कई जगहों पर बिछायी गई पेंटिंग पर गड्ढे बने हैं। बस्तियों में लगाये गये स्ट्रीट लाइट तो सो पीस बने हैं जिन पर एक बार भी कंरट नहीं दौड़ा। सड़क के किनारे नाली निर्माण का कार्य तो अभी भी कई जगहों पर नहीं हुआ है। ब्रह्मखाल बाजार में पीपल के पेड़ के पास तो हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है कंपनी और राजमार्ग विभाग की लापरवाही से सफाई कर्मियों ने बीच सड़क को ही कूड़ा डंपिंग ग्राउंड बना दिया है जिस कारण वहां से निकलने वाली बदबू आम जन के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा बस्तियों, कांस्त की खेती और स्कूलों के रास्ते भी नहीं बनाये गये मगर फिर जिला प्रशासन और राजमार्ग खंड सुगम यात्रा के दावे करता है । चारधाम यात्रा को प्रारंभ होने को अब चंद रोज ही शेष रह गये है मगर प्रशासन की तैयारी सिर्फ कागजों और बैठकों में ही सिमट कर रह गई।