बड़कोट/अरविन्द थपलियाल। धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के गंगानी वसंतोत्सव (कुंड की जातर) मेले का गुरुवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं पुरस्कार वितरण के साथ विधिवत समापन हो गया। मेले के तीसरे दिन लोक गायिका मीना राणा ने अपने लोक गीतों से समा बांधा तथा उनके गीतों पर दर्शक खूब झूमे।
गंगानी वसन्तोत्सव मेले के अंतिम दिवस गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि यमुनोत्री के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि यह मेल हमारी सांस्कृतिक समागम का मेला है, यमदग्नि ऋषि एवं माता रेणुका के तप से यहां गंगानी में मां गंगा की जलधारा प्रकट हुई है तथा यह स्थान गंगा, यमुना और केदार गंगा का त्रिवेणी संगम बनता है, जिस कारण इसकी विशेष धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्वता है।
गंगानी मेले में सांस्कृतिक समागम के तहत विभिन्न क्षेत्रों से आये लोक गायकों में शामिल मीना राणा, महेंद्र चौहान, शनि दयाल, नरेश बादशाह, दिनेश भारती, आदि द्वारा अपने रंगारंग लोक गीतों की प्रस्तुतियों से दर्शकों का खूब मनरंजन किया।
जहां रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए वहीं क्रीड़ा प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। अंतिम दिन गंगानी मेले में दूर दराज के गांव से आये ग्रामीणों ने खूब खरददारी की तथा यहां आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का खूब लुफ्त उठाया। साथ ही यहां गंगानी कुंड में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पूण्य लाभ अर्जित किया।
मेले के अंतिम दिन मेला आयोजन जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने मेले में सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, समाजिक कार्यकर्ता कपिल देव रावत, शरत सिंह चौहान, मुकेश टम्टा,, कमला जुड़ियाल, सत्येंद्र कुमाई, मुसुम्बाला जमुना रावत, मनमोहन चौहान आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन दिनेश भारती ने किया।