ब्रह्मखाल /सुरेश रमोला । यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा टनल के पास आज से सात दिवसीय भागवतकथा , देवी भागवत और शिवपुराण कथा का शुभारंभ हो गया। कथा के रूप में देवी भागवत, और शिवमहापुराण का मूलपाठ का आदर्श वाचन भी कथा के रूप में श्रवण ब्यासपीठ से करवाया गया। मुख्य आयोजक आचार्य राकेश रतूड़ी ने कहा कि इस कथा को आयोजित करने के लिए मुझे भगवान बौखनाग देवता ने प्रेरित किया है और यह सात दिवसीय कथा भगवान बौखनाग को समर्पित है। उन्होंने बौखनाग का आभार जताते हुए कहा कि जिस तरह से बाबा ने टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिनों बाद बाहर निकाल कर अपनी भविष्यवाणी से जगत को दिखा दिया था कि यह देवभूमि है और यहां देवताओं के आशीर्वाद के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है उसी प्रकार किसी भी कार्य को करने के लिए स्थानीय देवी देवताओं की आज्ञा लेना जरूरी है। कथा श्रवण करवाते हुये देवी भागवत के लिए ब्यस पीठ पर आचार्य राकेश रतूड़ी भागवत कथा के लिए ब्यास पीठ कुशुम लता मंमगांई शिव महापुराण के मूल पाठ के लिए शास्त्री कपिल उनियाल और भागवत मूलपाठ के शंकर जोशी ब्यासपीठ विराजमान हुये। कथा वक्ताओं ने कहा कि देव कथाओं के श्रवण मात्र से जीवन धन्य हो जाता है और जीवन तर जाता है। कथा के प्रथम दिन आज कलश यात्रा के साथ तीनों कथाओं का प्रवचन शुरू हुआं। इस दौरान ग्यूनोटी के प्रवीन जयाडा मुख्य यजमान के रुप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रुप रुद्रेश्वर महादेव के माली संकित थपलियाल देवगद्दी पर विराजमान रहे। मुख्य आचार्य के रूप में विरेशमोहन सेमवाल ने देव पूजन सम्पन्न करवाया।