जयप्रकाश बहुगुणा
सिलक्यारा /उत्तरकाशी
उत्तराखंड देवताओं की भूमि हैं, यहां कण कण में देवता वास करते हैं, इनकी अवहेलना करने पर ए अपना कोप भाजन भी बनाते है, यह कहावतें हमारे बुजुर्गो ने यूँही नहीं हमें बताई हैं, कुछ तो है इस देवभूमि में जो इसको अन्य जगहों से अलग दर्जा देता है ! माना जाता hai कई 2013 में केदारनाथ महाप्रलय धारी देवी के मंदिर के साथ छेड़छाड़ का प्रतिफल था, इसी प्रकार अब धरासू -,यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग में ठीक दीपावली के दिन घटी घटना भी बाबा बौखनाग की वृति में छेड़छाड़ व उनकी अवहेलना का प्रतिफल माना जा रहा है !स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरंग निर्माण कार्य शुरू करने से पूर्व सुरंग के मुहाने पर बाबा बौखनाग का मंदिर स्थापित किया गया था, लेकिन पिछले माह उसे वहां से हटा दिया गया, जिसके कारण बाबा बौखनाग की अवहेलना हुई और 41 श्रमिकों की जिंदगी सुरंग में कैद हो गई !फ़िलहाल सुरंग दुर्घटना के अन्य जो भी कारण रहा हो वह तो सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जाँच का विषय हो सकता है लेकिन देवभूमि में देवताओं की अवहेलना का प्रतिफल अवश्य मिलता है ए सबने देखा व महसूस किया, इसी मनोभाव से सात समंदर पार से आये विदेशी टनल विशेषज्ञ प्रो अर्नोल्ड डिक्स ने भी सुरंग के अंदर रेस्क्यू कार्य शुरू करने से पहले सुरंग के मुहाने पर पुनः स्थापित किये गये बाबा बौखनाग मंदिर पर नतमस्तक होकर पूजा की !
दुनियाभर में भूमिगत सुरंगों के निर्माण और जोखिम से निपटने की काबलियत रखने वाले अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ प्रो अर्नोल्ड डिक्स ने सिलक्यारा पहुंचकर सुरंग के अंदर और बाहर का निरीक्षणकिया , बचाव कार्य मे जुटी एजेंसियों से बातचीत की है। डिक्स ने भरोसा दिया कि श्रमिकों को जल्द सुरक्षित बचा लिया जाएगा।दुनिया के सबसे कुसल टनल भू वैज्ञानिक ऑस्ट्रेलिया के प्रो अर्नोल्ड डिक्स उत्तरकाशी पहुँच चुके है , ओर काम करने से पहले छेत्रपाल देवता बोखनाथ जी की पूजा की सर जमीन पर लगा कर प्रणाम किया , प्रो डिक्स उत्तरकाशी मे टनल कार्य कर चुके है देवभूमि मे रहने की वजह से वो भी जानते है इस भूमि से देवताओं की मान्यता कितनी है !बहरहाल बाबा बौखनाग की कृपा व तकनीकी सहायता से सुरंग के मलवे वाले हिस्से को पार कर छह इंच व्यास का पाईप फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंच गया है, जिसके माध्यम से श्रमिकों तक खाध्य सामग्री पहुंचने में सुगमता मिल रही है, सभी स्थानीय लोग व सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के परिजन बाबा बौखनाग व उत्तराखंड के देवी देवताओं से प्रार्थना कर सभी श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू की मन्नतें मांग रहे हैं !