जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी
जिले के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे सचिव परिवहन, पेयजल उत्तराखंड शासन एवं जिले के प्रभारी सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बुधवार को जिला मुख्यालय में विभिन्न योजनाओं एवं विकास कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को विकास कार्यों को तेजी से व पूरी गुणवत्ता के साथ क्रियान्वित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार की मंशा है कि जनता की समस्याओं का निस्तारण उनके द्वार पर ही किया जा सके, इस हेतु अधिकारी गांव का भ्रमण कर जनता की समस्याओं का प्रभावी व त्वरित समाधान करें।
सचिव ह्यांकी ने कहा कि विकास कार्यों के लिए स्वीकृत धनराशि का समय से सदुपयोग सुनिश्चित किया जाय और केन्द्र सहायतित योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाया जाय। उन्होंने आजीवका तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के नये संभावनाशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किए जाने की अपेक्षा करते हुए कहा कि इससे जुड़े प्रस्तावों के लिए जरूरी हुआ तो मौजूदा नियमों और व्यवस्थाओं में बदलाव भी किया जाएगा। शासन स्तर पर इस बारे में विचार-मंथन चल रहा है। अधिकारों के नये सिरे से विकेन्द्रीकरण की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। आपदा राहत के लिए उपजिलाधिकारियों को भी अधिकार दिए जाने पर विचार हो रहा है। लिहाजा अधिकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और अभिनव योजनाओं से संबंधित अपने सुझाव व प्रस्ताव रखें।
उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी भवनों, विद्यालयांे, होम-स्टे के निर्माण में पहाड़ी भवन निर्माण शैली एवं वास्तुशिल्प प्रतिबिंबित हो। विद्यालय भवनों की छतें ढालदार बनाई जांय और इनमें भूकंप की दृष्टि से बांस आदि ऐसी सामग्री के इस्तेमाल को बढावा दिया जाय जो स्थानीय स्तर पर उत्पादित हो सके और उससे बने भवन भूकंप की दृष्टि से अधिक सुरक्षित और निरापद हों।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए ह्यांकी ने जिले के स्वास्थ्य संकेतकों सहित संस्थागत प्रसव का तुलनात्मक ब्यौरा तैयार किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं की सही तस्वीर सामने आ सकेगी और कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने आशा कार्यकर्त्रियों के मानेदय का समय से नियमित भुगतान किए जाने हेतमेु केन्द्रीयकृत व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाय।
शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि हमें शिक्षको के प्रशिक्षण के स्तर को सुधारने, ड्रॉपआउट दर में कमी लाने, समय से पुस्तकों के वितरण और स्कूलों की दशा में सुधार करने पर विशेष ध्यान देना होगा।
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के लिए टी.ए.सी. की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद पुनः तकनीकी स्वीकृति लिए जाने की व्यवस्था समाप्त होना जरूरी है, इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाले विलंब को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही सड़कों के पहले चरण के निर्माण की स्वीकृति के साथ ही रिटेनिंग वाल एवं ड्रेनेज के निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की व्यवस्था होना भी जरूरी है। ताकि दूसरे चरण के कार्यों की स्वीकृति में विलंब होने के कारण पहले चरण के निर्माण को नुकसान न हो। इसके लिए वह शासन को अपनी संस्तुति भेजेंगे। श्री ह्यांकी ने पी.एम.जी.एस.वाई की सड़कों से क्षतिग्रस्त अन्य परिसंपत्तियों के अनुरक्षण की व्यवस्था किए जाने एवं मलवे की नियमानुसार सुरक्षित डंपिंग किए जाने की भी हिदायत दी।
ह्यांकी ने पशुपालन विभाग की समीक्षा में पशुओं की नस्ल सुधार कार्यक्रम, स्थानीय स्तर पर चारे का उत्पादन तथा भेड़ एवं ऊन विकास की परियोजनाओं को प्रभावी तरीके से संचालित करने पर जोर देते हुए कहा कि ऊन उत्पादकों के बेहतर प्रशिक्षण का इंतजाम हो और इसके लिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम में भी व्यवस्था की जाय। स्थानीय लोगों की आजीविका के इस परंपरागत साधन को नए दौर के हिसाब से बदला जाना जरूरी है। उन्होने पशु चिकित्सकों को रोटेशन के आधार पर चिकित्सकविहीन अस्पतालें में भेजे जाने की व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। कार्मिकों की कमी को दूर कराने का प्रायास किया जाएगा। उन्होंने पशुओं की बीमा किए जाने और बीमित पशु की मृत्यु होने पर बीमा दावे का त्वरित निस्तारण् क्रने के निर्देश देते हुए जिला प्रशासन द्वारा इस बार यात्रा मार्गोों पर संचालित घोड़े-खच्चरों का शत-प्रतिशत बीमा कराए जाने और बिजली गिरने से खट्टूखाल व कामर गॉंव में भेड़-बकरियों की मृत्ये के मामलों में बीमा दावों के त्वरित निस्तारण की सराहना भी की।
स्चिव पेयजल ह्यांकी ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का दायरा बढाए जाने
प्र जोर देते हुए कहा कि मत्स्य पालन जैसे संभावनाशील क्षे़त्र में योजनाओं को बड़े स्तर पर और अधिक तेजी से संचालित करने पर ध्यान दिया जाय। ग्राम्य विकास की समीक्षा में उन्होंने आजीविकास बढाने, स्वरोजगार एवं महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु महिला स्वयं सहायकता समूहों को अधिकाधिक योजनाओं से जोड़े जाने की हिदायत दी। तीर्थधाामों पर प्रसाद योजना की शुरूआत को उन्होंने सराहनीय कदम बताते हुए स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।
सचिव परिवहन एवं पेयजल ने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु चारधाम यात्रा के साथ साथ जनपद में नए डेस्टिनेशन की भी तलाश करने के निर्देश दिए। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक होम स्टे के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके।
कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए सचिव ने कहा कि किसानों को बागवानी एवं काश्तकारी के विस्तार के लिए क्लस्टर आधरित खेती को बढ़ावा दिया जाय। सचिव ने मुख्य उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया कि बागवानों को सेब के बॉक्स को सड़क मार्ग तक लाने में काफी मशक्कत करने पड़ती है। इसलिए ऐसे बागवान जहां रोपवे के माध्यम से वैली टू वैली जोड़ने की आवश्यकता है उन स्थानों को चिन्हित कर प्लान बनाया जाय। साथ ही किसानों एवं बागवानों को बीज एवं पौध समय से पहले वितरित करने एवं सेब का सीजन को देखते हुए बागवानों को सेब की पेटियां समय से दी जाय। पेटियों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ ही सचिव ने हर्षिल सेब की ब्रांडिंग के लिए कार्य किए जाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।