प्रो के एल तलवाड़
प्राचीनकाल से वर्तमान तक पत्रकारिता अनगिनत सोपानों को पार कर अपने परिष्कृत रूप में सामने आया है। बदलते युग और परिवेश के साथ मीडिया में बहुत बदलाव आया है। आज का दौर नयी पत्रकारिता का है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने प्रिंट माध्यमों को काफी पीछे छोड़ दिया है।सूचना प्रसार की इस दौड़ में कंप्यूटर, मोबाइल और मल्टीमीडिया तकनीक काफी आगे बढ़ चुकी है। ऑनलाइन सिटिजन जर्नलिस्ट तथा साइबर जर्नलिस्ट ने सूचना-संचार में आशाजनक परिवर्तन करने की हरसंभव कोशिश की है। आज का अधिकांश पाठक वर्ग समाचारपत्र पढ़ने की बजाय मोबाइल पर ही सारे विश्व की सूचनाएं जान लेना चाहता है।
न्यू मीडिया के साधनों के रूप में जनमानस के हाथ में मोबाइल आ जाने से पत्रकारिता का सूत्र भी कुछ हद तक उसके हाथ में आ गया है। वह अब न केवल समाचार सुनता है ब्लकि समाचार संप्रेषण में भी अपना योगदान देता है। मोबाइल फोन में व्हाटसेप की सुविधा के चलते यह आज जनसंचार के स्थापित माध्यम की श्रेणी में आ खड़ा हुआ है। मोबाइल जनसूचना का हथियार होने के साथ-साथ व्यक्तिगत मासमीडिया बन गया है। आज के दौर में नागरिक पत्रकारिता को महत्वपूर्ण स्थान मिल जाने के कारण आम आदमी को अपने मोबाइल द्वारा लाइव रिपोर्टिंग की सुविधा भी प्राप्त हो गई है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि कुछ ऐसी खबरों की रिपोर्टिंग भी ब्रेकिंग न्यूज के रूप में तुरंत हो जाती है क्योंकि वहां घटनास्थल पर आम आदमी मौजूद होता है और रिपोर्टर उतनी जल्दी और आसानी से नहीं पहुंच पाता । न्यू मीडिया के प्रभाव से पत्रकारिता की औपचारिक जानकारी न होते हुए भी आम आदमी भी पत्रकार की भूमिका में आ गया है।पिछले कुछ वर्षों में मीडिया को एक नया माध्यम व्हाटसेप के रूप में मिला है जो सोशल मीडिया का भी एक सशक्त माध्यम है। सोशल मीडिया के अन्य प्रमुख प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम व ट्विटर भी हैं। व्हाटसेप ने मीडिया माध्यम के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना ली है।व्हाटसेप द्वारा फोटो,वीडियो,सूचना,डाक्यूमेंट्स आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है।अपने स्मार्ट फोन में आज हम सबसे ज्यादा व्हाटसेप सेवा का उपयोग करते हैं।
व्हाटसेप के फाउंडर जेनकूम और ब्रायन एक्शन हैं। व्हाटसेप को एस.एम.एस.के विकल्प के रूप में शुरू किया गया था। व्हाटसेप-whats up(कैसे हो ? और क्या चल रहा है ?) का मजाकिया रूप ही है। व्हाटसेप फ्री एप है जो कि दुनियाभर में फोन पर उपलब्ध है। इससे मैसेज भेजना और काॅल करना बहुत ही आसान, सुरक्षित और भरोसेमंद है। विदेश के लिए जहां काॅल करना कठिन या मंहगा है वहां व्हाटसेप अपना काम आसानी से और किफायत से कर देता है।
मीडिया माध्यम की दृष्टि से देखें तो व्हाटसेप ने टेक्स्ट और फोटो संप्रेषण के कार्य को अत्यंत सुलभ और सरल बना दिया है। जब तक कंप्यूटर टाइपिंग का कार्य अधिक प्रचलित नहीं था,हस्तलिखित प्रेस विज्ञप्ति संवाददाता या समाचारपत्र कार्यालय को प्राप्त होती थी,टाइपिंग का कार्य प्रेस में डेस्क पर ही संपादित होता था। वर्तमान समय में व्हाटसेप पर टाईप्ड समाचार को कुछ संशोधनों के साथ प्रकाशन योग्य बना दिया जाता है। घटना अथवा कार्यक्रम स्थल के फोटोग्राफ्स भी आसानी के साथ टेक्स्ट के साथ भेजे जाते हैं। एक ही समाचार को कई संवाददाताओं अथवा पत्रकारों को एक साथ ही भेज दिये जाता है।
एंड्रॉयड मोबाइल फोन में स्पीक एण्ड टाईप फीचर ने समाचार लेखन के कार्य को और भी सरल व टाइम सेविंग बना दिया है।न्यूज पोर्टल चलाने वालों के लिए व्हाटसेप पर टाईप मैसेज और फोटोग्राफ्स की उपलब्धता समाचार प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत बन गया है।कंप्यूटर की तरह ही मोबाइल फोन की मेमोरी में प्री फीडेड शब्दों ने शाब्दिक त्रुटियों को भी काफी हद तक कम कर दिया है।व्हाटसेप के अंतर्गत कई तरह के मीडिया एक्सचेंज कर सकते हैं। टेक्स्ट, फोटो,वीडियो,डाक्यूमेंट और लोकेशन के साथ ही वाॅइस काॅल भी।आज दुनियाभर में व्हाटसेप चैटिंग का प्रमुख साधन बन चुका है। दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्र से रिपोर्टिंग करना भी व्हाटसेप के द्वारा आसान हुआ है। बिना किसी वीडियो कैमरे और कैमरापर्सन के सेल्फी स्टिक का उपयोग करके न्यूज स्टोरी कुछ ही पलों में न्यूज रूम तक पहुंचाई जा सकती है। व्हाटसेप ग्रुप के चलन ने भी पारिवारिक, व्यावसायिक और हमपेशा लोगों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया है। कई महत्वपूर्ण सूचनाओं और जानकारी के आदान-प्रदान से व्हाटसेप ग्रुप के सदस्य प्रतिदिन अपडेट होते रहते हैं।
आज से लगभग 7-8 साल पहले जब मेरे पास डोईवाला महाविद्यालय में मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी भी थी और उस वक्त व्हाटसेप का चलन भी शुरू नहीं हुआ था,तो किसी कार्यक्रम या आयोजन की समाप्ति के तुरंत बाद समाचार लिखना और उसे प्रेस विज्ञप्ति के रूप में वाहक द्वारा समाचारपत्रों के स्थानीय संवाददाताओं के पास समय से भिजवाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता था।आज व्हाटसेप के प्रयोग ने इस कार्य को बहुत ही आसान बना दिया है, जिससे फोटो सहित समाचार अविलंब संबंधित को प्रेषित हो जाते हैं।
व्हाटसेप का मल्टी डिवाइस फीचर वेब डेस्कटॉप और पोर्टल के लिए नया संस्करण ‘बीटा’ उपयोगकर्ताओं को दे रहा है। चैट एक्सपीरियंस को बेहतर और मजेदार बनाने के लिए रोमांचक अपडेट जारी कर रहा है,इसी कड़ी में कंपनी ने एक नया फीचर रोलआउट करना शुरू किया है। इस फीचर की मदद से यूजर फोटो,वीडियो,जीआईएफ या डाक्यूमेंट्स को कैप्शन के साथ फारवर्ड कर सकते हैं।इस फीचर को ‘फारवर्ड मीडिया विद अ कैप्शन’ नाम दिया गया है।
जैसा कि पहले भी कहा गया है कि व्हाटसेप ने सोशल मीडिया में अपनी एक अलग और खास पहचान बना ली है। सोशल मीडिया एक अपरंपरागत मीडिया है। यह एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है। विशाल नेटवर्क के साथ सारे संसार को जोड़े रखता है। यह द्रुत गति से सूचनाओं के आदान-प्रदान करने,जिसमें हर क्षेत्र की खबरें होती हैं,को समाहित किये होता है। वर्ष 2021में व्हाटसेप की भूमिका परिपक्व हो गई है। हमने देखा कि केंद्र और राज्य प्रशासन ने देशभर में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम से आमजनमानस को जोड़ने के लिए व्हाटसेप बिजनेस प्लेटफार्म का उपयोग किया।
एक सिक्के के दो पहलू के समान ही सोशल मीडिया या कहें व्हाटसेप की भी सकारात्मक और नकारात्मक भूमिका हो सकती है। सकारात्मक भूमिका के अंतर्गत व्हाटसेप का उपयोग किसी भी व्यक्ति,संस्था,समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए किया जा सकता है। संकट के समय भी यह मददगार बन सकता है। उदाहरण के लिए कोरोनाकाल के लाॅकडाउन पीरियड में वेबिनार और वर्चुअल क्लासेज और मीटिंग्स सोशल मीडिया के सशक्त माध्यम बनकर सामने आये। नकारात्मक रूप में सोशल मीडिया द्वारा किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर उसे उकसावे वाली बनाई जा सकती है,जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं होता।फोटो या वीडियो की एडिटिंग करके भ्रम फैला सकते हैं,जिनके द्वारा कभी-कभी दंगे जैसी आशंका भी उत्पन्न हो जाती है। पुराने वीडियो या फोटो को भी अफवाह फैलाने के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है। जरूरत इस बात की है कि यह एप गलत हाथों में पड़कर नफरत का सबब न बनने पायें। समय के साथ ही तकनीकी में भी तेजी से बदलाव हो रहा है और व्हाटसेप सरीखे एप न्यू मीडिया के सशक्त माध्यम बनते जा रहे हैं।