जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी
मातृ एवं शिशु-मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य से पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार ने विगत वर्ष राज्य स्थापना दिवस पर ईजा-बोई (माँ) शगुन योजना का शुभारंभ किया था। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इस योजना मंे सरकारी अस्पताल में 48 घंटे बिताने वाली प्रसूताओं को दो हजार रूपये शगुन राशि के रूप में दिये जाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डाॅ0 आर0सी0एस0 पंवार द्वारा बताया गया कि पूर्व में जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत संस्थागत प्रसव पर ग्रामीण प्रसूता को 1400 रू0 एवं शहरी प्रसूता को 1000 रू0 केन्द्र सरकार की ओर से पहले से ही दिए जाते हैं जबकि ईजा-बोई (माँ) शगुन योजना इसके अतिरिक्त है। इस योजना के अन्तर्गत प्रसूताओं को सरकारी अस्पताल में 48 घंटे तक चिकित्सकों की गहन निगरानी में रखा जाता है। डाॅ0 आर0सी0एस0 पंवार द्वारा जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में जनपद में आतिथि तक 2758 प्रसूताएं उक्त योजना हेतु पात्र पाई गई हैं एवं वित्तीय वर्ष के शेष आगामी 02 माह में 600 प्रसूताओं का और पात्र होने का अनुमान है। उनके द्वारा जनपद के समस्त गर्भवती महिलाओं से अपील की गई है कि वे संस्थागत प्रसव ही करवायें व प्रसवोंपरान्त् 48 घंटे तक चिकित्सकों की निगरानी में रहकर उक्त योजना से भी अवश्य लाभान्वित हों। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाएं अपनी प्रसव तिथि से 10 से 15 दिन पहले जिला चिकित्सालय में आकर रह सकती हैं तथा जिला चिकित्सालय में उनकी जांच, ठहरने एवं भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। डाॅ0 पंवार द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं एवं उनके तीमारदारों से अपील की गई है कि प्रसव पूर्व चिकित्सालय में होने वाली आवश्यक औपचारिकताएं अवश्य पूर्ण कर लें जैसे कि कंसेंट फार्म आदि अवश्य भरें ताकि जच्चा-बच्चा स्वस्थ हो एवं सभी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके।