देहरादून।
उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के आवास पर संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत , प्रान्ताध्यक्षा श्रीमती जानकी त्रिपाठी, प्रान्तमन्त्री सञ्जूप्रसाद ध्यानी संघटनमंत्री गौरव शास्त्री की उपस्थिति में संपन्न बैठक में माननीय मंत्री महोदय की ओर से लिए गए निर्णय – आप पढ़े…….
1. बाल वाटिका से पांचवी तक की पाठ्य पुस्तकों में संस्कृत सुभाषित, संस्कृत श्लोकों को शामिल किया जाएगा, संस्कृत भाषा की वर्तनी के अनुसार वर्णमाला उच्चारण सिखाया जाएगा।
2. कक्षा 6 से 12वीं तक त्रिभाषा सूत्र लागू किया जाएगा। हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी को त्रिभाषा सूत्र में रखा जाएगा। विज्ञान, वाणिज्य, कला सभी वर्गों के छात्रों के लिए संस्कृत भाषा को पढ़ने का अवसर दिया जाएंगे।
3. बाल वाटिका एवं प्रारंभिक कक्षाओं में भाषा विषय के लिए ऐसे शिक्षकों का चयन किया जाएगा, जिन के पास प्लस टू स्तर पर एक विषय के रूप में संस्कृत रहा हो तथा डीएलएड अथवा निर्धारित प्रशिक्षण का कोर्स पूरा किया हो।
4. एससीईआरटी और सभी डायटों में सरल मानक संस्कृत के अनुसार प्रशिक्षण करानें में निपुण एक- एक शिक्षक को प्रतिनियुक्ति पर लाया जाएगा।
5. संस्कृत की सभी योजनाओं को क्रियान्वयन करने के लिए एक टास्क फोर्स बनेगा।
6. सभी विद्यालयों में संस्कृत क्लब गठित होगा।
7. संस्कृत की सभी पाठ्य पुस्तकें सरल मानक संस्कृत में तैयार की जाएंगी।
8. संस्कृत भाषा के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा, इसके लिए संस्कृत के जुड़े लोगों के साथ आगामी सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में एक चितंन शिविर आयोजित किया जाएगा।
9. प्रदेश में पांच लाख संस्कृत भाषी लोगों को तैयार किया जाएगा।
10. पांच हजार संस्कृतभाषी युवाओं का सम्मेलन किया जाएगा।
11. प्रत्येक जनपद में एक कुल 13 संस्कृतग्राम बनाये जाएंगे।
टीम यमुनोत्री Express