सुरेश चंद रमोला
ब्रह्मखाल
हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा परिणाम मे जसपुर ब्रह्मखाल से एक मजदूर परिवार के बेटे ने ऐसा इतिहास रचा कि शिक्षा के बहाने अपने बच्चों को देहरादून और बडे बडे शहरो व बाजारों मे पलायन करने वालों अभिभावकों को यह सोच मे डाल दिया किया कि प्रतिभा शहर मे नही ब्लकि गावों मे निखरती है।गांव के शांत महोल और शुद्ध हवा के बीच बच्चे तनामुवक्त होकर पढाई करते है जिसका उदाहरण आयुश अवस्थी आज सबके सामने नायक बनकर उभरा है। गरीबी और अमीरी का भेद विद्या नही करती अपितु संघर्ष और मन लगाकर मेहनत करने वालो छात्रों को ही कामयाबी का मिलती है। आयुश अवस्थी के घर पर न तो रहने के लिए आलिसान मकान है और ना ही पढाई करने के लिए आधुनिक संसादन । पिता द्वारिका प्रसाद आलवैदर रोड की कार्यदायी संस्था रानी कन्स्ट्रक्शन मे मजदूरी चौकीदारी का काम कर परिवार का खर्च उठाता है। अपने बालक की इस प्रतिभा और काययाबी पर आयुष के माता पिता गदगद् है। आयुष भी सेना का अफसर बनना चाहता है आयुश ने अपनी इस खुशी का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनो को दिया है। आयुश ने उतराखंड हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा मे राज्य भर मे 98.60% अंको के साथ दूसरी रैंक हासिल की है। लींबिग स्टोन स्कूल मे नर्सरी से आठ तक की पढाई करने के बाद कक्षा 9 मे सुमन ग्रामर स्कूल ब्रह्मखाल मे दाखिला लिया था। इस स्कूल को पिछले वर्ष ही बोर्ड की मान्यता मिली थी और यह विद्यालय का पहला वैज था जिसमे आयुष ने विद्यालय सहित क्षेत्र समाज जनपद और राज्य का नाम रोशन किया है। आयुष को बधाई देने के लिए क्षेत्रीय विधायक संजय डोभाल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक विजल्वाण उसके घर पंहुचे जब कि जिला अधिकारी , जिला शिक्षा अधिकारी , ब्लाक शिक्षा अधिकारी व अन्य कई प्रशासनिक अधिकारियों ने दूरभाष से आयुष को शुभकामनाएं दी है। इसके अलावा सुमन ग्रामर स्कूल परिवार लीविंग स्टोन स्कूल स्टाफ, मान्यता प्राप्त विद्यालय संघठन ने खुशी जताते हुये आयुश को उसकी मेहनत और कामयाबी पर मिठाइयां बांटी और शुभकामनाएं दी।
टीम यमुनोत्री Express