सुरेश चन्द रमोला
ब्रह्मखाल उत्तरकाशी
महाभारत काल से चली आ रही प्रथा के अनुसार गांवों के लोग आज भी पांडवो को सुख समृद्धि और धन वैभव देने वाले देवताओं के रूप मे मानते हैं। मान्यता और परम्परा के आधार पर गांवो की सीमा रेखा भी पांडवो के आधीन ही होती है, पांडव गांवो की चारो सीमाओं पर अपने किले गाढ कर आदृश्य अराजक शक्तियों से गांव की सुरक्षा भी करते है। इसी परम्परा और प्राचीन धार्मिक विरासत को जींवत रखते हुये भंडारस्यू क्षेत्र के न्याय पंचायत के मुख्य गांव गेंवला मे ग्रामीणों ने पांडवो को अवतरित कराकर नौ दिन तक रात दिन मंडाण लगाकर उनकी आराधना की और गांव की खुशहाली के लिए पांडवो का आशीर्वाद लिया। अग्नी की शक्ति को साक्षी मानकर गांव के सभी देवी देवताओं को मुख्य पंचायती मंडाण मे ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार के साथ आवाहित किया गया और दैवीय शक्तियों के माध्यम से राक्षसी शक्तियों को गांव के किलो मे बांधा गया। नौ दिनो तक दिन रात ग्रामीण एक सूत्र मे बंधकर देवी देवताओं को जग्रित करते हुये इस महायज्ञ मे आस्था की डुवकी लगाते हुये देवी देवताओं से गांव के नर नारी बाल वृद्ध और पशुओं की सुख समृद्धि यश कीर्ति के लिए आशीर्वाद मांगा। पांडवो मे प्रमुख देवता भीम और मां द्रौपदी ने समस्त ग्राम वासियों को अपना आशीर्वाद दिया इसके अलावा भैरव, विश्वराणा,मा काली, भद्रकाली, नागराजा और रैणुका मां ने भी अपने शक्ति के अक्षतो से चौगस का आशीर्वाद दिया। देवताओं के जागरो से ग्रामीण महोल मे भक्ति का रस छाया रहा और देवताओं ने गांव की खुशहाली का भरोसा दिया। इस दौरान पांडवो ने गैंडा की घसियारी , हनुमान की शक्ति, छांस मट्ठा मक्खन का खेल और जैंता की चढाई पर आधारित दंत कथाओं का प्रदर्शन भी किया और दर्शकों का खूब मंनोरंजन किया। इस यज्ञ मे क्षेत्र के सैकडो श्रद्धालु उपस्थित रहे। मुख्य आयोजन मे सुरेश बहुगुणा, जगवीर सिंह रावत, सोवेन्दर सिंह रावत, प्रीतम सिंह रावत, प्रीतम सिंह, संजय सिंह मुकेश प्रकाश ,सुरेश चंद, व ग्राम प्रधान सोनिका रावत सहित गांव के कई अन्य लोगो ने अपनी प्रमुख भूमिका निभाई।
टीम यमुनोत्री Express